सुशील मोदी ने बिहार में कॉमन सिविल कोड के मसले पर खड़े किए हाथ, अपनी पार्टी की बजाय नीतीश के लिए बैटिंग

सुशील मोदी ने बिहार में कॉमन सिविल कोड के मसले पर खड़े किए हाथ, अपनी पार्टी की बजाय नीतीश के लिए बैटिंग

PATNA : देश में कॉमन सिविल कोड लागू किए जाने के सवाल पर लगातार सियासी बयानबाजी का दौर चल रहा है। बिहार में भी कॉमन सिविल कोड लागू होने को लेकर चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार मानसून सत्र में इससे जुड़ा विधेयक संसद में ला सकती है।


ऐसी स्थिति में क्या बिहार में नीतीश कुमार इस कानून को लागू करने देंगे? यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। जनता दल यूनाइटेड के मसले बीजेपी से अलग है। नीतीश कुमार के सहयोगी रहे पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कॉमन सिविल कोड के सवाल पर हाथ खड़े कर दिए हैं।


सुशील कुमार मोदी ने अब अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन पर सफाई दी है। सुशील मोदी ने कहा है कि मैंने कभी भी बिहार में कॉमन सिविल कोड लागू करने की बात नहीं कही। आरा में अपने भाषण के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह कहा था कि बीजेपी शासित राज्यों में कॉमन सिविल कोड लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत उत्तराखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की जाएगी।


सुशील मोदी ने कहा है कि राम मंदिर धारा 370 तीन तलाक और कॉमन सिविल कोड जैसे मुद्दों पर बीजेपी की राय अलग है। पार्टी जहां दूसरे दलों के साथ सत्ता में है वहां केवल आम सहमति के आधार पर ही निर्णय लिया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि बिहार में जब तक नीतीश नहीं चाहेंगे तब तक कॉमन सिविल कोड लागू नहीं होगा। सिविल कोड के मसले पर सुशील मोदी सफाई देते नजर आए हैं उसे देखकर यही लगता है कि उन्हें अपनी पार्टी से ज्यादा नीतीश कुमार के लिए बैटिंग करने में मजा आ रहा है। पिछले कई दिनों में अपने बयानों के लिए भी एक दिलचस्प पहेली बनी हुई है।