DESK : अक्षय कुमार, अजय देवगन और रणवीर जैसे सितारों से भरी फिल्म सूर्यवंशी ने दर्शकों को निराश किया है। कैटरीना कैफ जैसी एक्ट्रेस को फिल्म में देखने के लिए थिएटर तक पहुंचने वाले दशक के एक मसाला फिल्म देख कर बाहर निकले हैं। सूर्यवंशी का प्रमोशन में काफी लंबे समय से चल रहा था। कोरोना काल के बाद पहली बार कोई मल्टीस्टारर फिल्म सिनेमाघरों में बड़े पैमाने पर रिलीज की गई। देश के लगभग 5000 सिनेमाघरों में एक साथ इस फिल्म को रिलीज किया गया। लेकिन पहले ही दिन यह दर्शकों की उम्मीदों को हवा कर गई।
रोहित शेट्टी की फिल्में एक्शन तो जबरदस्त है लेकिन कहानी गायब है। सूर्यवंशी कई बार दर्शकों को यह उम्मीद तो बनाती है कि फिल्म में आगे कुछ अच्छा होने वाला है लेकिन जबरदस्ती के मारधाड़ और एक्शन वाले सीन की वजह से दर्शक इसे मसाला फिल्म से ज्यादा नहीं मानने वाले। हालांकि कई बार अच्छे हंसने वाले डायलॉग दर्शकों का मनोरंजन करते हैं। 145 मिनट की इस फिल्म में एक्शन पर सबसे ज्यादा फ़ोकस किया गया है। पुलिस अधिकारी की भूमिका में अक्षय कुमार है और कहानी का बैकग्राउंड 1993 के मुंबई धमाके से जुड़ा हुआ है।
कई बार फिल्म की कहानी थोड़ा सस्पेंस भी क्रिएट करती है। दरअसल मुंबई विस्फोट के लिए 1000 आरडीएक्स से लाए जाने की बात को फिल्म में दिखाई गई है। फिल्म की कहानी बताती है कि 400 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल मुंबई धमाकों के लिए किया गया लेकिन 600 किलो आरडीएक्स अभी भी कहीं छिपा कर रखा गया है। इसको लेकर कहानी में थ्रिल पैदा करने की कोशिश की गई है लेकिन भटकती हुई पटकथा के कारण यह दर्शकों को बांध पाने में नाकाम साबित हुई है। कहानी में अजय देवगन और रणवीर सिंह की एंट्री सिंघम और सिंबा वाले अंदाज में कराई गई है लेकिन इतने सितारों के होने के बावजूद फिल्म मसाला कैटेगरी से आगे नहीं निकल पाई।