गुजरात से 1199 प्रवासियों को लेकर बेगूसराय पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, चेहरे पर दिखी घर पहुंचने की खुशी

गुजरात से 1199 प्रवासियों को लेकर बेगूसराय पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, चेहरे पर दिखी घर पहुंचने की खुशी

BEGUSARAI : प्रवासी कामगारों के घर वापसी का सिलसिला काफी तेज हो गया है. गुरुवार को आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से बेगूसराय आ रही तीन में से पहली ट्रेन बेगूसराय के बरौनी जंक्शन अहले सुबह पहुंच गई. बरौनी जंक्शन पहुंचते ही ट्रेन में सवार गुजरात के सूरत से आए 1199 कामगारों के चेहरे पर घर वापसी की खुशी देखते ही बन रही थी.

हालांकि इन लोगों का सरकार पर गुस्सा भी काफी तेज था, बावजूद इसके घर आ जाने से सभी खुश थे. बरौनी जंक्शन पर ट्रेन के आने से पहले ही तमाम प्रशासनिक अधिकारी, रेल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम अलर्ट मोड में थी. ट्रेन के रुकते ही आरपीएफ के जवानों ने एक-एक कर कतारबद्ध कर सभी यात्रियों को ट्रेन से निकाला. जिसके बाद स्टेशन पर मौजूद स्वास्थ विभाग की 22 टीम ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक-एक कर सबकी थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर से हाथ की सफाई कराई. सभी का गहन जांच, सर्वेक्षण तथा पंजीकरण करने के बाद अल्पाहार और पानी देकर बेगूसराय जिला के सभी प्रवासियों को बस से उनके संबंधित प्रखंड क्षेत्र में भेज दिया गया है.


 वहां एक बार फिर स्वास्थ्य जांच कर बनाए गए सेंटर पर क्वारेन्टाइन के लिए भेज दिया गया है.  जबकि शेष जिला के प्रवासियों को संबंधित जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए वाहन से उनके गृह जिला में भेज दिया गया है. जहां  एक बार फिर जांच के बाद सभी लोगों को उनके क्षेत्र में क्वारेंटाइन में रखा जाएगा. स्टेशन से बाहर निकलने पर सूरत से लौटने वाले ने स्टेशन पर व्यवस्था देख जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया. लेकिन यहां आने के लिए ट्रेन में टिकट लगने और खान-पीने की समुचित व्यवस्था नहीं रहने को लेकर काफी आक्रोश था. यात्री रामलाल महतों, दिनेश, सुभाष, पोंगल यादव आदि का कहना था कि कोरोना के कहर से बचनेेे के लिए लॉकडाउन हो जाने से सभी कल कारखाना बंद होने से काम ठप गए थे. काफी जलालत झेलनी पड़ रही थी, एक महीना से अधिक समय तक वहां डेरा में लॉक रहे. दो चरण के लॉकडाउन के बाद जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री की पहल पर प्रधानमंत्री और रेल मंत्री द्वारा सूरत में फंसे श्रमिकों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी तब उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. जलालत झेलने के बाद हम लोगों के लिए सरकार ने सोचा तथा मुफ्त में घर वापसी की बात हुई, लेकिन एक तो टिकट का पैसा लिया गया, ऊपर से रास्ते में खाने पीने की समुचित व्यवस्था नहीं. मुगलसराय में खाना मिला भी तो खाने लायक नहीं था. हालांकि जलालत झेलने के बावजूद अब हम लोग घर आ गए हैं तथा 21 दिन के एकांतवास के बाद ही सही लेकिन अपने परिवार के साथ रहेंगे. गुरुवार को बेगूसराय के बरौनी जंक्शन पर आंध्र प्रदेश से 969 तथा महाराष्ट्र से 1019 यात्री को लेकर मुगलसराय, पाटलिपुत्र, हाजीपुर के रास्ते दो ट्रेन आ रही है.