DESK: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में कांवड़ रूटों की दुकानों पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने का आदेश जारी किया गया था, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा सांसद अखिलेश प्रसाद यादव ने नया पोस्ट लिखा है। इससे पहले भी अखिलेश यादव ने इस फैसले पर आपत्ति जताई थी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कांवड़ यात्रा के दौरान उस रूट की दुकानों पर दुकानदारों का नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था। योगी सरकार के इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर रोक लगाने की मांग की गई थी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर आदेश जारी किया था कि कांवड़ यात्रा के रूट में जितनी भी खाने-पीने की चीजों की दुकानें हैं उन दुकानों पर दुकान के मालिक और संचालक अपना नाम लिखेंगे। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया और कहा कि दुकानदार अपनी दुकानों पर खाने का प्रकार लिखें, अपना नाम लिखने की उन्हें जरूरत नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार के आदेश पर रोक लगने के बाद अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “एक नयी ‘नाम-पट्टिका’ पर लिखा जाए : सौहार्दमेव जयते!” इससे पहले जब मुजफ्फरनगर पुलिस ने इसी तरह का आदेश जारी किया था तब अखिलेश ने लिखा था कि, “… और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं”।
सुप्रीम कोर्ट के कांवड़ मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिक का नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर रोक लगाने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जिस समय मुझे जानकारी मिली थी तभी मैंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं इसे संज्ञान में ले और ऐसी कार्रवाई को रोके। उन्होंने कहा कि जैसे दिया बुझने से पहले फड़फड़ाता है उसी तरह सांप्रदायिक राजनीति का दिया फड़फड़ा रहा है इसलिए ऐसे फैसले ले रहे हैं। सांप्रदायिक राजनीति खत्म होने जा रही है इसका दुख बीजेपी को है।