MUNGER : एसपी लिपि सिंह को एक बार फिर से बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. मुंगेर पुलिस कप्तान ने महज 24 घंटे के भीतर मुकेश चौरसिया हत्याकांड का खुलासा करते हुए 4 क्रिमिनलों को धार दबोचा है. अपराधियों के पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किये गए हैं. पुलिस इन अपराधियों को जेल भेज आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.
मामला मुंगेर जिले के ईस्ट कॉलोनी थाना इलाके की है. जहां मुकेश चौरसिया हत्याकांड में शामिल 4 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बीते 4 4 जून को ईस्ट कॉलोनी थाना क्षेत्र में मुकेश चौरसिया नाम के एक व्यक्ति की हत्या हो गई थी पुलिस ने इस हत्या को चुनौती के तौर पर लिया और तत्काल छापेमारी शुरू की. इस मामले में नामजद आरोपी गौतम शर्मा और सुमन प्रकाश की गिरफ्तारी की गई. एसपी ने बताया कि सुमन प्रकाश और गौतम शर्मा का मुकेश चौरसिया से विवाद चल रहा था. छापामारी के दौरान रॉबिन राज और राहुल कुमार को गिरफ्तार किया गया है. रॉबिन राज और राहुल कुमार के घर हत्या में प्रयुक्त हथियारों को बरामद किया गया है. मुकेश चौरसिया को कुल चार गोलियां मारी गई थी और चार देसी कट्टा का इस्तेमाल हत्या में हुआ था. पुलिस ने स हत्या में शामिल चारों हथियारों को बरामद कर लिया है. सुमन प्रकाश और गौतम शर्मा के पास से भी दो देसी कट्टा बरामद किया गया है.
सुमन प्रकाश के घर में मृतक मुकेश चौरसिया का गोदाम था. मृतक प्लास्टिक का कारोबार करता था. सुमन प्रकाश ने मुकेश चौरसिया का प्लास्टिक बेच दिया था जिस कारण उसका विवाद चल रहा था. गौतम शर्मा का भी विवाद मुकेश चौरसिया से जमीन को लेकर चल रहा था. 26 लाख रुपए की जमीन को लेकर विवाद में गौतम भी मुकेश चौरसिया से खुन्नस खाए हुए था. गौतम और सुमन प्रकाश ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्या करा दी थी और हथियार को रॉबिन राज और राहुल कुमार के घर छिपा दिया था. हत्याकांड के दो नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है. तीन आरोपी अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश में पुलिस छापामारी कर रही है. हत्या में प्रयुक्त हथियारों की बरामदगी के मामले में जमालपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है, वहीं सुमन प्रकाश और गौतम शर्मा के खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट की अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है. हत्याकांड में इस्तेमाल किए गए हथियारों की बरामदगी का एफएसएल जांच कराने का भी निर्देश दिया गया है.
मुकेश चौरसिया की हत्या में सुमन प्रकाश और गौतम शाह की बड़ी भूमिका थी. दोनों ने काफी साफगोई से एक बड़ी साजिश रचकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. सुमन प्रकाश, गौतम शर्मा और मुकेश चौरसिया दोस्त थे. दोनों में पूर्व से विवाद भी चल रहा था. इसके बावजूद तीनों हमेशा साथ रहा करते थे. सुमन प्रकाश ने साढ़े चार लाख रुपए मूल्य का प्लास्टिक बेच दिया था, जिस कारण मुकेश चौरसिया का उससे विवाद चल रहा था. सुमन प्रकाश की एक जमीन को भी तेईस लाख रुपए में मुकेश ने किसी दूसरे व्यक्ति के हाथों बेच दिया था और सुमन को सिर्फ बारह लाख रुपए मिले थे. प्लास्टिक चोरी के विवाद और जमीन बेचे जाने में 23 लाख के बदले सिर्फ 12 लाख रुपए मिलने के कारण भी सुमन प्रकाश और मुकेश चौरसिया के बीच अनबन चल रही थी. दोनों के बीच कई बार विवाद भी हो चुका था. वहीं, गौतम शर्मा का भी जमीन को लेकर मुकेश चौरसिया से विवाद चल रहा था. नया गांव की एक जमीन को छब्बीस लाख रुपए में एग्रीमेंट कराया गया था. समझौते के मुताबिक गौतम को छह लाख रुपए मूल्य की जमीन मिलनी थी लेकिन गौतम पूरी जमीन को हड़पना चाहता था और इसी के बाद गौतम प्रकाश ने मुकेश चौरसिया योजना बनाई.
गौतम शर्मा ने सुमन के साथ मिलकर हत्या के लिए उसे प्रेरित किया और कहा कि यदि मुकेश का उपाय नहीं किया गया तो मुकेश सुमन की हत्या करा देगा. सुमन और गौतम ने मिलकर दूसरे अपराधियों को साथ किया. गौतम ने मुकेश को फोन कर बाहर बुलाया था और खुद जाकर दूसरी जगह खड़ा हो गया था ताकि किसी को उस पर शक ना हो और सुमन प्रकाश के कहने पर जैकी, विशाल, राजकुमार ने मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया. हत्या के बाद भी सुमन प्रकाश और गौतम शर्मा पीड़ित परिवार के साथ बने रहे ताकि किसी को उनपर शक ना हो. हत्या के बाद दोनों ने शहर में उपद्रव मचाने और सड़क जाम करने का भी सुझाव पीड़ित परिवार को दिया था ताकि किसी को हत्याकांड में इनकी संलिप्तता पर शक ना हो. मुकेश चौरसिया की हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दी गई थी लेकिन पुलिस ने 24 घंटे के अंदर अभियुक्तों की गिरफ्तारी तथा हत्या में इस्तेमाल अपराध हथियारों की बरामदगी कर इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. गिरफ्तार चारों अपराधियों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित कर स्पीडी ट्रायल की अनुशंसा की जाएगी.
मुकेश चौरसिया हत्या कांड का उद्भेदन पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती थी. दोस्तों ने जिस तरह साजिश रच कर फुलप्रूफ प्लानिंग कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया और परिजनों का विश्वास जीतकर शहर में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने की साजिश रची गई थी, उसको भी पुलिस की तत्परता से निष्फल किया गया है. गिरफ्तार सभी अपराधी काफी शातिर हैं. पूर्व में भी इनके द्वारा कई वारदातों को अंजाम दिया गया था. मृतक के परिवार के साथ पूरी तरह घुलमिल कर और उनका विश्वास जीतकर हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद सुमन प्रकाश और गौतम शर्मा परिजनों के साथ मिलकर पुलिस की गतिविधियों पर भी नजर रखे हुए थे ताकि उनकी संलिप्तता की भनक मिलते ही वे फरार हो सकें लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. 24 घंटे के अंदर पूरे मामले का उद्भेदन मुकेश चौरसिया की हत्या का मामला निश्चित तौर पर पुलिस के लिए चुनौती थी लेकिन पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए महज 24 घंटे के अंदर पूरे मामले का खुलासा कर दिया. प्राथमिकी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी और हत्याकांड में इस्तेमाल हथियारों की बरामदगी निश्चित तौर पर पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.