पिपरा सीट से जदयू विधायक रामविलास कामत ने दाखिल किया नामांकन, कहा..एनडीए गठबंधन पूरी तरह मजबूत दूसरे दिन का पहला नामांकन: कटिहार सदर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी अशोक कुमार भगत ने किया नॉमिनेशन कटिहार में सोशल मीडिया पर हथियार लहराना पड़ गया महंगा, पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार कटिहार में मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, दो कट्टा और भारी मात्रा में हथियार बनाने का सामान बरामद Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीटों को लेकर जारी घमासान के बीच भाकपा माले ने जारी की पहली लिस्ट, सूची में 18 उम्मीदवारों के नाम Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीटों को लेकर जारी घमासान के बीच भाकपा माले ने जारी की पहली लिस्ट, सूची में 18 उम्मीदवारों के नाम Purnea News: इंटैक राज्य स्तरीय नेशनल हेरिटेज क्विज़ में पूर्णिया चैप्टर एवं विद्या विहार के विद्यार्थियों ने रचा इतिहास, प्राप्त किया पहला स्थान Purnea News: इंटैक राज्य स्तरीय नेशनल हेरिटेज क्विज़ में पूर्णिया चैप्टर एवं विद्या विहार के विद्यार्थियों ने रचा इतिहास, प्राप्त किया पहला स्थान पूर्णिया में लूट की कोशिश नाकाम, व्यवसायी और ट्रैक्टर चालक पर ताबड़तोड़ फायरिंग Bihar Election 2025: बीजेपी की पहली लिस्ट में महिलाओं की कितनी भागीदारी? जानिए.. किन महिला उम्मीदवारों को मिला मौका
1st Bihar Published by: Updated Wed, 15 Jul 2020 06:14:54 PM IST
- फ़ोटो
DESK : कोरोना काल में जब पहली बार लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तब पलायन की वो दुखदाई तस्वीर सभी ने देखी थी. देश के कोने कोने में काम की तलाश में गए मजदूर काम ना होने की वजह से अपने गांव-घर लौटने को मजबूर थे. ऐसे में महाराष्ट्र में फंसे मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने पहल की थी. सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके इस नेक काम को खूब सराहा था. सोनू सूद ने उस मुश्किल घड़ी में रीयल हीरो बन प्रवासियों की मदद की थी.
अपने इन्ही दिनों के अनुभवों को लेकर सोनू सूद अब एक किताब लिखने वाले हैं. इसके लिए उन्होंने पेंग्विन रैंडम हाउस के साथ हाथ मिलाया है. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक सोनू सूद की ये किताब ईबरी प्रेस द्वारा प्रकाशित कर दी जायेगी.
इस बारे में पूछे जाने पर एक्टर सोनू सूद ने कहा कि ‘पिछले करीब साढ़े तीन महीने एक तरीके से मेरे लिए जीवन के बदलने वाले अनुभव रहे. प्रवासियों के साथ 16 से 18 घंटे रहना और उनके दर्द को बंटना. मैं जब उनको उनके घर के लिए अलविदा कहने जाता था, तब मेरा दिल खुशियों से भर जाता था. उनके चेहरे पर मुस्कान, उनकी आखों में खुशी के आसूं, मेरे लाइफ के सबसे स्पेशल अनुभव रहे. मैं वादा करता हूं कि मैं तब तक काम करता रहूंगा, जब तक आखिरी प्रवासी अपने घर और प्रियजनों के पास नहीं पहुंच जाता.'
सोनू आगे कहते हैं कि, 'मुझे विश्वास हैं कि मैं इसलिए ही इस शहर में आया था, यही मेरा उद्देश्य था. मैं भगवान को शुक्रिया कहना चाहूंगा कि उन्होंने प्रवासियों की मदद के लिए मुझे साधन बनाया. मुंबई मेरी दिल की घड़कन हैं, लेकिन अब मुझे लगता है कि मेरा एक हिस्सा यूपी, बिहार, झारखंड, असम, उत्तराखंड और कई अन्य राज्यों के गांवों में रहता है, जहां मुझे अब नए दोस्त मिल गए हैं और गहरे संबंध बनाए हैं. मैंने निर्णय किया है कि इन सभी अनुभवों और कहानियों को एक किताब में पिरोउंगा.'