शिक्षक नियमावली का विरोध करने वाले अभ्यर्थी को लेकर विभाग ने जारी किए कड़े निर्देश, कहा - वीडियोग्राफी करवा आंदोलनकारियों पर होगी कार्रवाई

शिक्षक नियमावली का विरोध करने वाले अभ्यर्थी को लेकर विभाग ने जारी किए कड़े निर्देश, कहा - वीडियोग्राफी करवा आंदोलनकारियों पर होगी कार्रवाई

PATNA : नई शिक्षक नियमावली को लेकर आज पूरे प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थी एक बार फिर से धरना प्रदर्शन करने वाले हैं। शिक्षक अभ्यर्थी राज्य सरकार भर्ती नियमावली से डोमिसाइल नीति हटाने के फैसले को वापस करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरने का फैसला किया है। इसी कड़ी में अब शिक्षा विभाग ने शिक्षा विभाग ने धरना प्रदर्शन करने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों को लेकर बड़ा चेतावनी जारी किया है।


दरअसल, माध्मिक शिक्षक के निदेशक के तरफ से एक पत्र जारी कर कहा है कि-  माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक शिक्षकों के संबंध में यह सुनिश्चित किया जाए कि बिहार जिला परिषद / नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2020 की कंडिका-19 में यथाविहित आचार संहिता के उल्लंघन का मामला प्रकाश में आने पर तदनुसार समुचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन मामले का विडियोग्राफी कराना भी सुनिश्चित किया जाए ताकि आचार संहिता उल्लंघन के मामले को चिन्हित करना सुलभ हो ऐसे दृष्टांत के मामले प्रकाश में आने पर समुचित आवश्यक कार्रवाई की जाए।


मालूम हो कि, बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों के पदों पर होने वाली भर्ती को दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए भी मंजूरी देने पर हंगामा मचा हुआ है। बिहार के शिक्षक अभ्यर्थी नीतीश सरकार द्वारा शिक्षक भर्ती नियमावली में किए गए संशोधन के खिलाफ शनिवार से आंदोलन पर उतरने वाले हैं। अभ्यर्थी डोमिसाइल नीति हटाने के विरोध में  पटना में महाआंदोलन करेंगे। इसमें राज्यभर से शिक्षक अभ्यर्थी जुटेंगे और राजभवन कूच करेंगे। विधानमंडल का सत्र शुरू होने के बाद अभ्यर्थियों के विधानसभा और सभी विधायकों के आवासों का घेराव करने की भी योजना है। इस बीच विभाग के आंदोलन करने वाले अभ्यर्थी  को लेकर निर्देश जारी कर दिया है।


आपको बताते चलें कि, शिक्षक अभ्यर्थी ने 11 जुलाई को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। 12 जुलाई को पटना में सभी विधायकों के आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसे लेकर 8 जुलाई को सभी जिला मुख्यालयों पर समिति की बैठक होगी। विधानसभा घेराव के बाद भी अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो पूरे बिहार में हड़ताल, चक्काजाम और सरकारी स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी।