PATNA : शरद यादव को सीएम फेस बताने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा की उम्मीदों पर आ पूरी तरह से पानी फिर गया। शरद यादव ने आज से तेजस्वी का नेतृत्व कुबूल कर लिया है। इससे पहले मांझी-कुशवाहा और सहनी के साथ अलग बैठक पर शरद यादव ने आरजेडी की नींद उड़ा दी थी।
शरद यादव ने आज साफतौर पर कह दिया है कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के नेता हैं। मैं सीएम फेस का दावेदार नहीं हूं। साथ ही उन्होनें बिहार में तीसरे मोर्चे की संभावना को सिरे से नकार दिया है। शरद यादव ने कहा कि आरजेडी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है और हमारी कोशिश है कि सभी विपक्ष एकजुट होकर अगले चुनाव में एनडीए का मुकाबला करे।
शरद यादव के तेवर उसी वक्त ढीले नजर आने लगे थे कि जब उन्होनें रांची के रिम्स में पिछले दिनों आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की थी। लालू से मुलाकात के ठीक एक दिन पहले शरद यादव ने HAM अध्यक्ष जीतन राम मांझी, RLSP अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद महागठबंधन खेमे में खलबली मच गयी थी। दरअसल मांझी-कुशवाहा ने शरद यादव को महागठबंधन का सीएम फेस बनाने की मांग उठा डाली थी। इसके बाद बिहार में तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो गयी थी।
हालांकि तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट के बीच जो खबरें आयी कि ये बैठक अपनी-अपनी महात्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रायोजित किया गया था। दरअसल शरद यादव की बेचैनी है कि वे राज्यसभा में अपनी सीट पक्की करना चाहते हैं। वहीं मांझी-कुशवाहा महागठबंधन के अंदर कोआर्डिनेशन कमिटी का गठन करवाना चाहते है ताकि आरजेडी-कांग्रेस की मनमानी नहीं चल सके। चुनावी साल में सभी ज्यादा से ज्यादा सीटें झटकने को बेताब है और इसी की वजह से महागठबंधन की अंदरूनी राजनीति उफान पर है।