PATNA : बिहार में 1 अप्रैल 2016 से शराब बंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे संबंधित कोई भी कार्य करने पर कठोर सजा का प्रावधान है। हालांकि, इसके बावजूद इस कानून की वस्तुस्थिति वह किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में अब नीतीश सरकार ने बड़ा निर्णय लिया। सरकार ने क्या फैसला किया है कि अब बिहार में शराब से अगर किसी की मौत होती है तो उसके परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार नहीं करना होगा बल्कि उससे पहले मुआवजा मिल सकता है।
दरअसल, नीतीश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राज्य में अब शराब से मौत होने के बाद मृतकों के परिजनों को बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के भी मुआवजा मिल सकेगा। हालांकि, सरकार यह मुआवजा जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद देगी। इस बात का एलान खुद मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने किया है। उन्होंने कहा है कि - राज्य में जहरीली शराब पीने से हुई मौत मामले में सरकार अच्छा कदम उठा रही है। सरकार के तरफ से मृतकों के निकटतम परिजनों को मुआवजा देने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। मुआवजे की घोषणा के बाद जिन मृतकों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट मौजूद हैं, उनके निकटतम परिजनों को आसानी से मुआवजा राशि मिल जायेगी।
इसके अलावा उन्होंने सबसे बड़ा फैसला यह लिया कि, सरकार के तरफ से जहरीली शराब में मुआवजे के एलान से पहले यदि किसी की मौत हो गयी है और जिन मृतकों का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ है, उनके परिजनों को जांच प्रक्रिया के बाद मुआवजा राशि सरकार द्वारा दी जायेगी। इसकी प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है।
आपको बताते चलें कि, कुछ महीने पहले मसरख में जहरीली शराब पीने से 50 से अधिक लोगों की मौत के बाद नीतीश सरकार बैकफुट पर आई थी और खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि जहरीली शराब से मरने वाले मृतक के परिजन को मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख मुआवजा दिया जाएगा। सीएम ने कहा था कि, इस योजना का लाभ शराबबंदी कानून लागू होने के बाद के मृतकों को मिलेगा। हालांकि, इसको लेकर कुछ शर्तें भी तय की गयी गयी थी। इसके बाद अब मंत्री ने यह साफ़ कर दिया है कि सरकार इस विषय को लेकर काफी गंभीर है।