PATNA: सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनके समर्थकों के निशाने पर आय़े लालू प्रसाद यादव औऱ तेजस्वी यादव के बचाव में अब आरजेडी के वरीय नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी मैदान में उतरे हैं. सिद्दिकी ने आज लंबा फेसबुक पोस्ट लिखकर सफाई दी है. कहा है-शहाबुद्दीन से मेरे खानदानी ताल्लुकात थे और मैं खुद गवाह हूं कि पार्टी नेतृत्व ने शहाबुद्दीन के इलाज से लेकर उनके अंतिम संस्कार के लिए क्या सब किया. बकौल सिद्दिकी उन्होंने शहाबुद्दीन को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात की थी.
पार्टी ने बहुत कोशिश की
सिद्दिकी ने शहाबुद्दीन को लेकर लंबा फेसबुक पोस्ट लिखा है. उन्होंने लिखा है कि शहाबुद्दीन के बीमार होने के बाद वे लगातार उनके परिजनों से संपर्क में थे. जैसे-जैसे उनलोगों ने जिनसे भी संपर्क करने को कहा मैं संपर्क करता रहा चाहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या लालू जी या दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर, सुपरिटेंडेंट या सांसद मीसा भारती. सिददीकी ने लिखा है “स्वयं हिना शहाब मैडम ने मुझे बताया कि सांसद मीसा भारती एवं मनोज झा जी द्वारा भी शहाबुद्दीन साहब को हायर इंस्टीच्यूट में शिफ्ट करने का अथक प्रयास किया जा रहा है पर कुछ कठिनाइयां आ रही हैं. इसलिए हिना शहाब ने मुझे बिहार के मुख्यमंत्री से बात करने को कहा ताकि शहाबुद्दीन साहब को बड़े अस्पताल में जल्द से जल्द शिफ्ट किया जा सके. इस बाबत मैंने तुरंत ही बिहार के मुख्यमंत्री से संपर्क किया और उन्हें सारी बातों से अवगत कराया.”
अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा है कि ऐसा नहीं है की हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने शहाबुद्दीन के अच्छे इलाज हेतु उन्हें AIIMS भेजने के लिए दबाव नही बनाया.
न्यायिक जांच की मांग
अब्दुल बारी सिद्दिकी ने शहाबुद्दीन की मौत की न्यायिक जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि शहाबुद्दीन मर गए या मारे गए यह बहस तब तक चलती रहेगी जबतक उनकी मौत की न्यायिक जाँच नहीं हो जाती है. हालांकि न्यायिक जाँच भी किस हद तक सच्चाई तक पहुंच पायेगा यह अभी कहना मुश्किल है. फिर भी जब उनके परिवार, उनके शुभचिंतको और पार्टी के नेताओं की भी मांग है की न्यायिक जाँच करायी जाए तो फिर डर काहे का, न्यायिक जाँच करानी चाहिए. सिद्दिकी ने शहाबुद्दीन के शव को सिवान नहीं भेजने पर भी सवाल उठाया है. उन्होने कहा है कि दो-चार दिन पहले ही दिल्ली में मरे एक व्यक्ति के शव को हरियाणा भेजा गया फिर शहाबुद्दीन के शव को क्यों नहीं सिवान भेजा गया.
शहाबुद्दीन से मेरे खानदानी रिश्ते थे
अब्दुल बारी सिद्दिकी ने ये भी कहा है कि शहाबुद्दीन ने उनका सिर्फ राजनीतिक रिश्ता नहीं था बल्कि रिश्ता खानदानी था. शहाबुद्दीन के दादा अब्दुल बारी सिद्दिकी के नाना के मुरीद थे. शहाबुद्दीन के मामा मुस्तकीम साहब ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट थे औऱ उनसे भी सिद्दीकी का करीबी रिश्ता था. सिद्दिकी ने कहा है कि उनका शहाबुद्दीन के परिवार से असल रिश्ता इस संबंध का है. अब जो घटनाक्रम है उससे गुस्सा स्वाभाविक है. वैसे, आऱजेडी की बात करें तो जब भी पार्टी पर किसी तरह का संकट आया तो शहाबुद्दीन पार्टी के लिए स्तम्भ बनकर खड़े रहे और पार्टी के नेता लालू प्रसाद भी उनके लिए.