PATNA : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बीजेपी और नीतीश कुमार से ज्यादा AIMIM की मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का खौफ सता रहा है। तेजस्वी यादव बिहार में ओवैसी की एंट्री से परेशान हैं। पिछले विधानसभा उपचुनाव में किशनगंज सीट पर ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार की जीत में तेजस्वी के कान खड़े कर दिए हैं। यही वजह की तेजस्वी यादव अज्ञातवास खत्म कर सीमांचल में अपनी पार्टी की साख बचाने के लिए जाने वाले हैं।
तेजस्वी यादव चंद हफ्तों से अज्ञातवास पर चल रहे हैं लेकिन अब 16 जनवरी से वह प्रतिरोध सभा करेंगे तेजस्वी कि यह प्रतिरोध सभा सीमांचल के इलाके से शुरू होगी। 16 जनवरी को तेजस्वी यादव किशनगंज में पहली सभा को संबोधित करेंगे। 17 जनवरी को वह अररिया और 18 जनवरी को कटिहार जाएंगे। तेजस्वी प्रतिरोध सभा के जरिए CAA, NRC और NPR जैसे मुद्दों को लेकर जनता के बीच अपनी बात रखेंगे।
दरअसल तेजस्वी यादव इन मुद्दों के जरिए सीमांचल के इलाके में अपनी पार्टी के घटते जनाधार को बचाने की कोशिश करेंगे। तेजस्वी जानते हैं कि अगर बिहार में उनकी पार्टी से अल्पसंख्यक वोट बैंक खिसक गया तो विधानसभा का अगला चुनाव उनके लिए बेहद मुश्किल भरा होगा। ओवैसी पहले ही बिहार की राजनीति में दस्तक दे चुके हैं और अब उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। ऐसे में तेजस्वी को NRC और CAA जैसे मुद्दे बीजेपी और जेडीयू पर हमला बोलने के साथ-साथ ओवैसी की सेंधमारी से भी बचना होगा।