DARBHANGA: शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने छुट्टियां रद्द करने का आदेश जारी किया है। इसके तहत इस साल लगभग 14 छुट्टियों को रद्द किया गया है। शिक्षकों को रक्षाबंधन, तीज, जिउतिया में भी छुट्टी नहीं मिलेगी। वही दुर्गापूजा, छठ, दीपावली, भैया दूज, गुरु नानक जयंती, चित्रगुप्त पूजा जैसे त्योहारों में भी छुट्टियों में कटौती की गई है। इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से जैसे ही नोटिफिकेशन जारी हुआ। वैसे ही बिहार के राजनीतिक गलियारों का पारा काफी बढ़ गया। विपक्ष के नेता सरकार के इस फैसले को हिन्दू विरोधी बता रहे।
इसी कड़ी में बिहार विधान परिषद के प्रतिपक्ष नेता हरि सहनी ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जैसे ही छुट्टी रद्द करने की सूचना जनमानस में आया। वैसे ही शिक्षकों के बीच काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। जनमानस में इस बात का घोर विरोध हो रहा है। सरकार सिर्फ शिक्षक नहीं, समस्त हिंदू समाज की नारी समाज के धैर्य का परीक्षा ले रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार ने जितनी छुट्टियां दर्द की है चाहे वह दुर्गा पूजा हो, दीपावली हो, छठ हो, जितिया पर्व हो या फिर तीज पर्व हो। हमारे घर की मां बहन और बेटी भी करती है। जिसमे 60% के लगभग टीचर महिला है और यह छुट्टी रद्द कर दी गयी है।
वही हरि सहनी ने तंज कसते हुए कहा कि आप दलील क्या दे रहे हैं पढ़ाई बाधित होगी। अगर पढ़ाई आपकी नजर में इतना महत्वपूर्ण है। तो आप शिक्षक से पठन-पाठन कार्य के अलावा आप जो भी काम ले रहे हैं। आप पहले सारा काम को रद्द करें। सारे विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली करें। उसके बाद अगर आप छुट्टी रद्द करते तो लोगों को लगता कि शायद आपका ध्यान शिक्षा की ओर गया है। लेकिन आज इस दर्दनाक निर्णय से सभी के नजरों में आ गया है कि आप केवल तुष्टीकरण और वोट की राजनीति के नाम पर एक खास वर्ग को खुश करने के लिए यह निर्णय लिया है। इस धैय के परीक्षा में हिंदू समाज आपको माफ करने वाला नहीं है। खास करके हमारी जो नारी शक्ति है आज जो आप उसके दिल पर चोट पहुंचाने का काम किया है। इसका अंजाम आपके लिए अच्छा नहीं होगा।