सावधान ! कोरोना के बाद बर्ड फ्लू का बढ़ा खतरा, जानें फ्लू के लक्षण और बचाव

सावधान ! कोरोना के बाद बर्ड फ्लू का बढ़ा खतरा, जानें फ्लू के लक्षण और बचाव

PATNA :  कोरोना महामारी के बीच अब देश में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी है, जो काफी तेजी से बढ़ती जा रही है. केंद्र सरकार ने बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया है. आपको बता दें कि बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) की वजह से होता है और ये एक वायरल इंफेक्शन है, जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले अन्य पक्षियों, जानवरों और इंसानों में फैलता है. इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में पक्षियों को मारने का अभियान भी शुरू किया गया है.


ये पहली बार नहीं है, जब बर्ड फ्लू ने भारत में दस्तक दी है. इससे पहले भी भारत बर्ड फ्लू का सामना कर चुका है. आपको बता दें कि बर्ड फ्लू कई तरह के होते है लेकिन H5N1 पहला ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है, जो इंसानों को संक्रमित करता है. बर्ड फ्लू प्रवासी जलीय पक्षियों खासतौर से जंगली बतख से प्राकृतिक रूप से फैलता है. ये पालतू मुर्गियों में आसानी से फैल जाता है. ये बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से होती है.


जब जानवर और इंसान संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आते हैं तो वह इस वायरस से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं. आपको बता दें कि ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे मौत भी हो सकती है. इसके फैलने का सबसे ज्यादा खतरा मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को होता है. इसके अलावा संक्रमित जगहों पर जाने वाले, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले, कच्चा या अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों को भी बर्ड फ्लू हो सकता है.


बर्ड फ्लू के लक्षण - 
बात करे अगर बर्ड फ्लू के लक्षणों कि तो इस वायरस के होने पर कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, निमोनिया गले में खराश, नाक बहना, बेचैनी, आंखों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है. और अगर आपको इन लक्षणों में से कुछ भी हैं और आपको लगता हैं किआपको बर्ड फ्लू हो सकता है तो किसी और के संपर्क में आने से पहले डॉक्टर को दिखाएं.


फ्लू से बचाव के लिए सावधानी है जरुरी -
इसके अलावा बर्ड फ्लू से बचाव कि बात करे तो बर्ड फ्लू से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है जैसे की अपने हाथों को 15 सेकेंड तक धोना, हाथों को बार-बार साबुन से धोना, सैनिटाइजर हमेशा साथ में रखना और हाथ ना धो पाने की स्थिति में सैनिटाइज करना. इसके अलावा संक्रमित पोल्ट्री फार्म में जाने और वहां काम कर रहे लोगों के संपर्क में आने से बचें.


बात करें अगर कपड़ो कि तो बर्ड फ्लू से बचाव के लिए पूरे बाजू के कपड़े ही पहनें और अपने जूतों को डिसइनफेक्ट करते रहें. छींकने या खांसने से पहले मुंह को अच्छे से कवर करें. सांस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनें.


फ्लू की वैक्सीन लगवाएं -
इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को डस्टबिन में डालें. अगर आप बीमार हैं तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. बर्ड फ्लू की कोई वैक्सीन नहीं है इसलिए बचाव के लिए फ्लू की वैक्सीन भी लगवा सकते हैं.