सत्ता वापसी के साथ बढ़ेगी लालू यादव की मुश्किलें, आईआरसीटीसी घोटाले में जल्द सुनवाई के लिए सीबीआई की अर्जी

सत्ता वापसी के साथ बढ़ेगी लालू यादव की मुश्किलें, आईआरसीटीसी घोटाले में जल्द सुनवाई के लिए सीबीआई की अर्जी

PATNA : आरजेडी ने भले ही बिहार में सत्ता वापसी कर ली हो, लालू प्रसाद यादव के कुनबे को सरकार में जगह मिल गई हो, लेकिन अब खुद लालू यादव और उनके परिवार के लोगों की मुश्किल एक बार फिर बढ़ सकती हैं. आईआरसीटीसी होटल घोटाले को लेकर सीबीआई ने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की है. इस घोटाले में लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावे 11 अन्य आरोपी हैं. सीबीआई की तरफ से उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल करते हुए यह गुहार लगाई गई है कि मामले की जल्द सुनवाई की जाए और इसे फैसले तक ले जाया जाए.


सीबीआई की तरफ से पिछले हफ्ते दाखिल अर्जी में उच्च न्यायालय से मामले में सह आरोपी विनोद कुमार अस्थाना की याचिका पर जल्द सुनवाई करने और फैसला करने की मांग की गई है. उच्च न्यायालय ने फरवरी 2019 में अस्थाना की याचिका पर विचार करते हुए उसे विशेष अदालत में पेशी से छूट दे दी थी. इस मामले में सीबीआई ने तकरीबन 4 साल पहले चार्जशीट दाखिल किया था.


सीबीआई ने जुलाई 2017 में यह मामला दर्ज किया था. अप्रैल 2018 में आरोप पत्र दाखिल किया गया. मार्च 2020 में उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश की गई तो इसमें कहा गया था कि जुलाई 2018 में एक आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकार से मंजूरी मांगी गई. रिपोर्ट में कहा गया था कि आरोप पत्र दाखिल करते समय आरोपी सेवा में नहीं थे. ऐसे में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं थी. अब आईआरसीटीसी होटल घोटाला से संबंधित मामले में आरोपी विनोद कुमार अस्थाना ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग की है. सीबीआई ने अपनी अर्जी में कहा है कि उच्च न्यायालय इस मामले में आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए आरोप तय किया जाए या नहीं इस बारे में आरोपपत्र पर बहस की अनुमति दे.