ससुराल में दामाद की NO ENTRY की सजा: 12 साल सरहज के साथ लिव इन में रहने पर पंचायत ने सुनाया फैसला

ससुराल में दामाद की NO ENTRY की सजा: 12 साल सरहज के साथ लिव इन में रहने पर पंचायत ने सुनाया फैसला

JAMUI: जमुई में एक शख्स को अपने सरहज से संपर्क रखना महंगा पड़ गया। 12 साल से दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था। दोनों लिव इन में रह रहे थे। जो उनकी पत्नी, बेटी और दामाद को बर्दाश्त नहीं हुआ। इसे लेकर शख्स की बेटी और दामाद ने गांव के ग्रामीणों से लगातार शिकायत कर रहे थे। गांव को लोगों को एकजुट कर रहे थे। पूरे गांव के लोग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पंचायत बुलाने का फैसला किया। इसकी जानकारी पंचायत के न्याय मित्र और सरपंच को दी गई। 


रविवार की देर शाम गांव के ही मंदिर में पंचायत लगाए गए जो 7 घंटे तक चली। पंचायत में सास-ससुर और उसकी प्रेमिका को बुलाया गया। गांव के दर्जनों महिला,पुरुष, बूढ़े,बुजुर्ग इस पंचायत में शामिल हुए। पंचायत के न्याय मित्र के द्वारा बारी-बारी से तीनों की बातें सुनी गई। फिर पंचायत ने अपना फैसला सुनाया..


जानिए पूरी कहानी

मामला जमुई जिले के खैरा थाना क्षेत्र के केंडी पंचायत का है। जानकारी के अनुसार खैरा थाना क्षेत्र के उमनतरी गांव निवासी प्रदीप साव का अपने ही सरहज के साथ पिछले 12 सालों से प्रेम संबंध चल रहा था। वह लगातार अपने ससुराल केंडीह आया करता था और कई दिनों तक साथ रहता था। उसकी पत्नी और बेटी को जब यह बात नागवार गुजरा तब उसने इसकी शिकायत ग्रामीणों से की। इसके बाद गोपालपुर निवासी उनके दामाद ने पूरे गांव की पंचायत बैठा दी। जहां इस मामले की सुनवाई की गई।


इस दौरान प्रदीप साव और उसकी प्रेमिका सरहज सुधा देवी को भी बुलाया गया।ग्रामीणों ने बताया कि प्रदीप साव की पत्नी को करीब 12 वर्ष पहले पैरालिसिस का अटैक आया था।इसके बाद से ही उसने अपनी पत्नी को छोड़ दिया और अपनी सरहज के साथ रहने लगा।वही सुधा देवी का पति भी मानसिक रूप से कमजोर है।इसी बात का फायदा उठाकर दोनों पिछले 12 सालों से एक दूसरे के साथ रह रहे थे।


इसे लेकर बीते रविवार देर शाम गांव में पंचायत लगाई गई। मामले की सुनवाई की गई। गांव के पंचायत में सभी पक्ष ने अपनी बातों को रखा। जिसे सुनने के बाद पंचायत के द्वारा 6 लोगों की एक कमेटी बनाई गई और उनके द्वारा यह फैसला लिया गया। पंचायत ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए प्रदीप साव को केंडीह गांव से निकाल दिया गया। उसे यह आदेश दिया गया कि वह दोबारा कभी केंडीह वापस नहीं लौटेगा। साथ ही पंचायत ने यह भी फैसला सुनाया की वह अपने हिस्से की सारी संपत्ति अपनी पत्नी और बेटे के नाम लिख देगा। इसे लेकर उसे समय भी दिया गया है। वहीं सुधा देवी को भी उमनतरी  गांव नहीं जाने की सजा सुनाई गई है। बहरहाल प्रेम प्रसंग का यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।