PATNA: जेपी आंदोलन के समय के चर्चित पत्रकार और संपादक स्व. सर्वदेव ओझा की 41वीं पुण्यतिथि के मौके पर शुक्रवार को पटना के BIA सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने स्व. सर्वदेव ओझा पर बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री का किया लोकार्पण किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, सांसद रामकृपाल यादव, राजद नेता शिवानंद तिवारी मौजूद रहे।
इस दौरान सभी लोगों ने स्व. सर्वदेव ओझा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बात डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने मंत्रोचारण से के साथ कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। इसके बाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री अशोक चौधरी ने सर्वदेव ओझा पर बनी डॉक्यूमेंट्री का लोकार्पण किया। स्व. सर्वदेव ओझा के 41वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में " प्रेस की आजादी तब और अब " विषय पर एक परिचर्चा का भी आयोजन किया गया।
जिसमें बिहार के वरिष्ठ पत्रकार लव कुमार मिश्रा, देवेंद्र मिश्रा, ज्ञानवर्धन मिश्रा, पशुपति शर्मा, अरुण पाण्डेय, अरुण अशेष, डॉ. संजय कुमार ने अपनी-अपनी बातों को रखा। सभी ने अपने संबोधन में स्व. सर्वदेव ओझा के व्यक्तित्व और जे पी आंदोलन के दौरान पत्रकार की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सभी सम्मानित अतिथियों ने इस अवसर पर स्व. सर्वदेव ओझा की पत्नी श्रीमती लीलावती देवी को सम्मानित किया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन सर्वदेव ओझा के बड़े बेटे और न्यूज़ 24 बिहार के एसोसिएट एडिटर अमिताभ ओझा ने किया। कार्यक्रम में स्व. सर्वदेव ओझा के दूसरे पुत्र अजिताभ ओझा के अलावा परिवार के अन्य सभी सदस्य मौजूद रहे।
बता दें कि पटना के दैनिक अखबार सर्चलाईट ने उस समय सच को उजागर करने के लिए काफी कुछ सहा।इस अख़बार के तेवर और इसकी निष्पक्षता के एक आधार स्तम्भ थे सर्वदेव ओझा, जो इस अख़बार में संयुक्त संपादक थे। सर्चलाईट का सम्पादकीय सर्वदेव ओझा ही लिखा करते थे। बिहार के जहानाबाद (अब अरवल ) जिले के मेहेन्दिया थाना क्षेत्र के कोइल भूपत गाँव के रहने वाले सर्वदेव ओझा अपने तीन भाइयो में सबसे बड़े थे। गाँव के ही स्कुल से पढाई करने वाले सर्वदेव ओझा विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनके कोलेज की पढाई बनारस हिन्दू विश्वविधालय से पूरी हुई थी।
पटना में सर्चलाईट ज्वाइन करने के पहले उन्होंने देश के कई प्रमुख अखबारों के लिए काम किया। जेपी आन्दोलन के समय सर्वदेव ओझा ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था। सर्वदेव ओझा ने पत्रकारिता के उसूलों से कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने देश के कई नामचीन पत्रकारों के साथ काम किया। जून 1981में घर से ऑफिस जाने के दौरान एक दुर्घटना के शिकार हुए फिर 10 जून 1981 को पटना के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।