PATNA: बिहार सरकार के कर्मियों को झटका लगा है. राज्य सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों को जल्द प्रमोशन मिलने के आसार नहीं है. बिहार सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोई फैसला नहीं हो पाया है. बिहार समेत कई राज्य सरकारों की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक साथ सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में कुछ देर की बहस के बाद कोर्ट ने अगली तारीख दे दी.
हालांकी सरकार के लिए थोड़ी राहत की बात है ये है कि सुप्रीम कोर्ट 23 दिसम्बर को उसके इंटरवेशन पीटिशन पर सुनवाई करेगा. अब बिहार सरकार के कर्मियों की नजर अगली सुनवाई पर टिकी है. आपको बता दें कि 7 महीने से राज्य सरकार की सेवाओं में अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है. पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार ने 11 अप्रैल को विभागीय प्रोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक पर रोक लगाने का संकल्प जारी किया था. उसी वक्त से प्रमोशन रूका हुआ है. रोक से पहले राज्य में प्रोन्नति में आरक्षण के नियम का पालन करते हुए प्रमोशन दिए जा रहे थे. अगर कोर्ट से राज्य सरकार को संकल्प वापस लेने की मंजूरी मिलती है तो प्रमोशन में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था के तहत ही प्रमोशन दिए जाएंगे.
आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी. इसमें पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने और प्रोन्नति से जुड़े मामले की सुनवाई की अपील की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई की और यथास्थिति बहाल रखने का आदेश जारी किया. कोर्ट जाने से पहले राज्य सरकार ने अप्रैल में विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठकों पर रोक लगा दी थी. जिससे बिहार सरकार की सेवाओं के अधीन तमाम पदों पर प्रमोशन रुक गई. डीपीसी की बैठक पर रोक के अपने ही आदेश को हटाने के लिए बिहार सरकार दोबारा से सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.