सरकार की नाक के नीचे पटना में भी कोरोना टेस्टिंग में बडी गडबडी, एक व्यक्ति के मोबाइल पर 20 अनजान लोगों की जांच रिपोर्ट आय़ी

सरकार की नाक के नीचे पटना में भी कोरोना टेस्टिंग में बडी गडबडी, एक व्यक्ति के मोबाइल पर 20 अनजान लोगों की जांच रिपोर्ट आय़ी

PATNA : कोरोना को लेकर बिहार के स्वास्थ्य महकमे ने कितना ग़डबडझाला किया इसकी पोल राजधानी पटना में भी खुली है. सरकार की नाक के नीचे राजधानी पटना में कोरोना टेस्टिंग में बडे पैमाने पर गड़बडी उजागर हुई है. एक व्यक्ति के मोबाइल पर 20 अनजान लोगों की जांच रिपोर्ट भेज दी गयी है. सैकडों ऐसे लोगों की जांच का लेखा जोखा तैयार किया गया है जिनका नंबर 0000000000 है.ऐसी कई गडबडियां पटना में सामने आयी हैं. हम आपको बता दें कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी बिहार के जमुई से लेकर दूसरे जिलों में कोरोना जांच के नाम पर बडे पैमाने पर फर्जीवाडा उजागर हुआ था. इससे देश भर में बिहार की किरकिरी हुई थी. लेकिन सरकार नहीं चेती औऱ दूसरी लहर के दौरान भी ऐसा ही फर्जीवाडा हो गया.

एक व्यक्ति को 20 लोगों की रिपोर्ट भेजी गयी

पटना के विक्रम के निवासी राजेश कुमार हैं. पटना में स्वास्थ्य विभाग के रजिस्टर में दर्ज जानकारी ये बताती है कि राजेश कुमार के मोबाइल नंबर पर 13 लोगों ने कोरोना की टेस्टिंग करायी है. जिन लोगों का नाम सरकारी रजिस्टर में दर्ज है उनमें से किसी को राजेश कुमार नहीं पहचानते. राजेश बता रहे हैं कि उन्होंने कभी अपना सैंपल कोरोना जांच के लिए नहीं दिया लेकिन उनके नंबर पर 20 लोगों की जांच रिपोर्ट आ चुकी है. सब अनजान लोगों की जांच रिपोर्ट है, जिनके बारें में उन्हें कुछ पता नहीं.

275 लोगों का नंबर 0000000000

एक दैनिक अखबार की टीम ने पटना में कोरोना जांच के लिए दिये गये 2 हजार नंबरों की छानबीन की. इनमें से 275 लोगों का मोबाइल नंबर 0000000000 दर्ज किया गया है. इस मोबाइल नंबर वाले लोगों की जांच के बारे में सरकार बहीखाते में चौंकाने वाले रिकार्ड भी दर्ज किये गये हैं. ऐसे 102 लोगों का दो दफे औऱ 10 लोगो का तीन दफे कोरोना टेस्ट करने का दावा किया गया है. 

पटना में कोरोना टेस्ट के सरकारी रिकार्ड की जांच में पता चला कि कई ऐसे लोगों का टेस्ट किया गया जिनका उम्र 0 है. कई नाम पुरूषों के हैं लेकिन सरकारी रजिस्टर में उन्हें महिला बताया गया है. सिर्फ 0000000000 ही नहीं बल्कि कई ऐसे मोबाइल नंबर भी सरकारी रजिस्टर में दर्ज हैं जो अस्तित्व में ही नहीं हैं. 

उधर पटना की सिविल सर्जन विभा रानी सिंह ने कहा कि एंटीजन टेस्ट में मोबाइल नंबर को लेकर कुछ गडबडी हो सकती है लेकिन आऱटीपीसीआऱ जांच में सारे रिकार्ड सही हैं. फिर भी कोई गडबडी हुई है तो उसकी जांच करायेंगे.