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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Apr 2023 08:41:40 PM IST
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VAISHALI: बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है। बिहार में शराब पीना और बेचना दोनों की मनाही है। इसके बावजूद लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। लोगों की भलाई के लिए यह कानून बनाया गया था लेकिन इसका सही ढंग से पालन भी नहीं हो पा रहा है। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी का यह कहना है। आगे उन्होंने कहा कि शराबबंदी बहुत ही अच्छा है खासकर गरीब वर्ग के लोगों के लिए के लिए तो और बढ़िया है। लेकिन कुछ लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन भी ढिलाई बरत रही है। बिहार को 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। यह नुकसान लोगों के भलाई के लिए सोचा गया था। लेकिन क्या हो रहा है यह सबको पता है। इससे ना तो आपका भलाई हो रहा और ना ही प्रदेश का। उल्टे राजस्व का नुकसान हो रहा है। वही आज मंदिर-मस्जिद के नाम पर लड़ाई हो रहा है जो कही से भी उचित नहीं है।
दरअसल पूर्व मंत्री और वीआईपी सुप्रीमो सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी मंगलवार को वैशाली के महुआ स्थित पहाड़पुर में श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ में शामिल हुए और पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि संघर्ष के लिए कोई समय सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के आजादी के लिए कई वर्षों तक हमारे पूर्वजों ने संघर्ष किया तब देश को आजादी मिली।
उन्होंने कहा कि आज जो काम समाज को करना चाहिए वह काम सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज का काम मंदिर बनाने की है, लेकिन आज सरकार यह काम कर रही है क्योंकि उन्हें धर्म के नाम पर वोट चाहिए। उन्होंने लोगों को आह्वान करते हुए कहा कि इसमें आप ही बदलाव ला सकते हैं, क्योंकि आप ही सरकार बनाते हैं।
वीआईपी प्रमुख ने कहा कि भगवान ने जाति और धर्म नहीं बनाया था। कुछ लोगों ने इसे बनाया और आज यही पहचान हो गई है। अब कुछ लोग इसी के नाम पर नफरत पैदा कर लोगों को लड़ाना चाहते हैं।
मुकेश सहनी ने कहा कि आजादी के इतने दिन गुजर जाने के बाद भी मछुआरा जतियों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिली है। उन्होंने सभी जाति और धर्म के लोगों से गरीबों की सहायता करने की अपील करते हुए कहा कि इससे ही समाज में खुशहाली आएगी और लोग आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि आज संघर्ष का ही परिणाम है कि पिछले विधानसभा चुनाव में हमारी सरकार बनी, लेकिन मुकेश सहनी को समाप्त करने के लिए हमारे विधायकों को खरीद लिया गया। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि हमलोगों को संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ना है। जनता का समर्थन रहेगा तो कुछ भी असंभव नहीं है।