शंकर सिंह बने रुपौली के विधायक, समर्थकों में जश्न का माहौल, पत्नी बोलीं..क्राइम पर लगाम कसना पहली प्राथमिकता

शंकर सिंह बने रुपौली के विधायक, समर्थकों में जश्न का माहौल, पत्नी बोलीं..क्राइम पर लगाम कसना पहली प्राथमिकता

PURNEA: रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने बड़ी जीत हासिल की है। नीतीश की पार्टी जेडीयू से कलाधार मंडल और तेजस्वी के उम्मीदवार बीमा भारती को शंकर सिंह ने धूल चला दी है। भारी मतों से जीत हासिल करने वाले रुपौली के निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत का सर्टिफिकेट हासिल की। अपने नेता की जीत की खुशी से लोग गदगद हैं। 


इस दौरान समर्थकों की भारी भीड़ देखी गयी। समर्थकों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर जीत का जश्न मनाया। इस मौके पर शंकर सिंह की पत्नी और बच्चे भी मौजूद थे। रुपौली के नवनिर्वाचित विधायक शंकर सिंह की पत्नी ने कहा कि पति की जीते के लिए बिहार की जनता को तहे दिन से धन्यवाद देती हूं। उन्होंने कहा कि क्राइम पर लगाम कसना हमारी पहली प्राथमिकता होगी। 


बता दें कि पांच बार से रुपौली की विधायक रही बीमा भारती को यह पूरा विश्वास था कि इस बार भी रुपौली की जनता का आशीर्वाद मिलेगा। बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस सीट से इस्तीफा दिया था जिसके बाद से यह सीट खाली था। इस सीट को छोड़कर बीमा ने लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाई। पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव जीत गये।


जिसके बाद फिर बीमा भारती ने रुपौली सीट दोबारा उपचुनाव लड़ने का फैसला लिया और चुनाव के मैदान में उतर गयी लेकिन इस बार वो फिर हार गयी। यहां भी बीमा भारती को निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने भारी मतों से हरा दिया। 8000 से ज्यादा वोट से शंकर सिंह ने जीत हासिल की है। चिराग पासवान की पार्टी ने जब शंकर सिंह को टिकट नहीं दिया तब वो निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया और अब चुनाव जीत गये। बता दें कि बाहुबली शंकर सिंह ने पहले लोजपा के नेता थे। 


2005 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के उम्मीदवार थे। तब उन्होंने चुनाव जीत लिया था लेकिन उस वक्त सरकार नहीं बन पाई थी और विधानसभा भंग होने के कारण दोबारा चुनाव हुआ। दूसरी बार चुनाव होने पर शंकर सिंह बीमा भारती से चुनाव हार गये। जिसके बाद 2010,2015 और 2020 में भी शंकर सिंह लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन जीत हासिल नहीं हुई लेकिन इस बार उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल कर सबको चौका दिया है। 


रुपौली की इस जीत से जेडीयू और आरजेडी के नेता भी हैरान हैं। बीमा भारती तो इस बार पप्पू यादव से मदद मांगने गयी थी लेकिन इसके बावजूद वो चुनाव हार गयी। लोकसभा चुनाव हारने के बाद विधानसभा उपचुनाव भी हार गयी। दोनों चुनाव बीमा भारती ने निर्दलीय प्रत्याशी से ही हारी है। दोनों निर्दलीय पत्याशी का चुनाव चिन्ह कैची छाप था जबकि बीमा भारती का चुनाव चिन्ह लालटेन था। कैची ने लालटेन को लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों हरा दिया है। 


शंकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को रुपौल में मात दी है। शंकर सिंह के बारे में बताया जाता है कि वो लिबरेशन आर्मी नामक गिरोह चलाते हैं. उनके खिलाफ 19 मामले अलग-अलग थाने में दर्ज हैं। राजपूत समाज से आने वाले शंकर सिंह ने गंगौता समाज से आने वाली बाहुबली अवधेश मंडल के पत्नी राजद प्रत्याशी बीमा भारती को हरा दिया है। पहले बीमा भारती के पति बाहुबली अवधेश मंडल और दूसरे बाहुबली शंकर सिंह के बीच लड़ाई चलती थी इन दोनों की आपसी रंजिश में कई लोगों की जान भी चली गयी है।