बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र: सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का जोरदार हंगामा, रेप के आरोपी IAS अधिकारी संजीव हंस को बर्खास्त करने की मांग

बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र: सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का जोरदार हंगामा, रेप के आरोपी IAS अधिकारी संजीव हंस को बर्खास्त करने की मांग

PATNA: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का चौथा दिन है। आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। रेप के आरोपी IAS अधिकारी संजीव हंस को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य वेल में पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी की। सरकार पर भ्रष्टाचारी अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए विपक्ष के विधायक हंगामा कर रहे थे। स्पीकर के कहने पर मार्शल्स वेल में पहुंचे और विधायकों के हाथ से प्ले कार्ड छीन लिया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी है।


दरअसल, पांच दिनों तक चलने वाले बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत होने के साथ विपक्ष विभिन्न मामलों को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। मानसून सत्र के पहले दिन बिहार में बढ़ते अपराध को विपक्ष ने मुद्दा बनाया और सदन में मजबूती के साथ सरकार से जवाब मांगा। इसके बाद राज्य में पुलों के धराशायी होने को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा।


वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने और बजट में बिहार की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों ने विधानमंडल के दोनों ही सदनों में जोरदार हंगामा मचाया और अब मानसून सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने बिजली विभाग के सचिव और बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचारी अधिकारियों का संरक्षण कर रही है।


विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने संजीव हंस के मुद्दे को सदन में उठाया और उन्हें बर्खास्त करने की मांग को लेकर सदन में जोरदार नारेबाजी की। विपक्षी विधायक वेल में पहुंच गए और स्पीकर से भ्रष्टाचार और रेप के आरोपी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। स्पीकर के कहने पर मार्शल्स वेल में पहुंचे और विधायकों के हाथ से प्ले कार्ड छीन लिया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी रही।


बता दें कि बिहार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर एक महिला ने रेप के आरोप लगाए थे। आरोप को सही पाते हुए एसएसपी के निर्देश पर संजीव हंस के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ था। इसके साथ ही साथ भ्रष्टाचार के भी गंभीर आरोप संजीव हंस पर हैं। पिछले दिनों आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर ईडी ने संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी की थी। विपक्ष का आरोप है कि सरकार रेप और भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी को बचाने की कोशिश कर रही है।