सैकड़ों बच्चों की जान पर आफत के बाद टूटी नीतीश की नींद: सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया, क्या केके पाठक मानेंगे बात

सैकड़ों बच्चों की जान पर आफत के बाद टूटी नीतीश की नींद: सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया, क्या केके पाठक मानेंगे बात

PATNA:  भीषणतम गर्मी में सरकारी स्कूलों को खुला रखने के तुगलकी फरमान से आज बिहार के सरकारी स्कूल में सैकड़ों बच्चों की जान पर आफत आयी. सरकारी स्कूलों में सैकड़ों बच्चों बेहोश होकर गिर पड़े. पूरे बिहार में हाहाकार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नींद टूटी है. नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को कहा है कि सरकारी स्कूलों को फिलहाल बंद कर दिया जाये, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या केके पाठक बिहार के मुख्यमंत्री की बात मानेंगे.


नीतीश कुमार के कार्यालय की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक सीएम ने कहा है कि भीषण गर्मी और भयंकर लू की चपेट से बिहार में आपदा की स्थिति बन गयी है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा को निर्देश दिया है कि वे जरूरत के मुताबिक सरकारी स्कूलों को बंद करने के लिए उचित कार्रवाई करें ताकि स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित न हो. मुख्यमंत्री ने भयंकर लू और भीषण गर्मी को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक  आय़ोजित करने को भी कहा है ताकि सरकार गर्मी और लू से पीड़ित  लोगो की मदद कर सके.


वैसे सवाल ये उठ रहा है कि केके पाठक राज्य के मुख्यमंत्री की बात मानेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री विधानसभा में खडे  होकर जो घोषणा करते रहे हैं उसे केके पाठक ठेंगा दिखाते रहे हैं. मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के स्कूल जाने की टाइमिंग बदलने का एलान किया था लेकिन पाठक ने उस आदेश को नहीं माना. ऐसे कई और मौकों पर नीतीश कुमार के आदेश को केके पाठक ने ठेंगा दिखा दिया है. 


बता दें कि भीषण गर्मी, लू और उमस के कारण बिहार के सरकारी स्कूलों में बुधवार को 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं बीमार हो गए. इनमें से कई बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े. इससे स्कूलों में अफरातफरी मच गई. कई जगहों पर शिक्षक और अन्य कर्मचारी भी हीट स्ट्रोक से बेहोश हो गए. अभिभावकों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है. भीषण गर्मी और लू के बावजूद स्कूलों में न तो छुट्टी की जा रही है और न ही समय में बदलाव किया जा रहा है.


बिहार के शेखपुरा जिले के मनकोल हाई स्कूल में एक के बाद एक छात्राएं बेहोश होकर गिरने लगीं. ये नजारा देख शिक्षकों के हाथ-पैर फूल गए. सूचना मिलने पर पहुंचे ग्रामीणों ने बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया.  वहां करीब 50 छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सड़क जाम कर केके पाठक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. चिकित्सकों का कहना है कि उमस वाली भीषण गर्मी और खाली पेट स्कूल आने की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ी.


वहीं, मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड के तीन स्कूलों मे बुधवार को भीषण गर्मी से एक  दर्जन से अधिक छात्र बेहोश हो गए. कन्या मध्य विद्यालय अमारी के एचएम प्रभात कुमार रश्मि ने मीडिया को बताया कि क्लास 8 के  सजन कुमार, आदित्य कुमार, धीरज कुमार, शिवम कुमार, अंकुश और राजवीर अत्यधिक गर्मी की वजह से अचानक बेहोश हो गए. वहीं, मध्य विद्यालय हेमजापुर क्लास 4 का छात्र मनीष कुमार प्रार्थना के दौरान बेहोश हो गया.  हाई स्कूल हेमजापुर मे एग्जाम के दौरान एक छात्रा के साथ साथ शिक्षक धर्मेंद्र कुमार बेहोश हो गए. मुंगेर के ही उर्दू मध्य विद्यालय सुजावलपुर में कक्षा 8 में पढ़ने वाली छात्रा एलिजा परवीन बेहोश हो गयी. बेगूसराय में मटिहानी मध्य विद्यालय में गर्मी के कारण एक दर्जन से ज्यादा छात्रायें बेहोश हो गईं. बेहोशी की हालात में छात्राओं को इलाज के लिए मटिहानी पीएचसी में भर्ती कराया और जहां सभी छात्राओं का इलाज चल रहा है.