NALANDA: बिहार शरीफ सदर अस्पताल में ब्लड बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रसूति महिला को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाए जाने का मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ। अस्पताल अधीक्षक ने ब्लड बैंक के टेक्नीशियन से स्पष्टीकरण मांगा है। वही सिविल सर्जन ने जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है।
गौरतलब है कि एचआईवी पॉजिटिव महिला प्रसव के लिए सदर अस्पताल आई थी। प्रसव के दौरान महिला को एक यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ी। इसके लिए ब्लड बैंक से खून लिया गया। ब्लड बैंक से खून लेने के बदले पति ने एक यूनिट खून डोनेट किया था। जिसके बाद उसका खून ब्लड बैंक में रख दिया गया। ब्लड डोनेट करने से पहले इस शख्स ने खुद के एचआईवी पॉजिटिव होने की बात छुपा ली थी। एचआईवी पॉजिटिव खून को ब्लड बैंक में रखा गया और इसी खूब को दूसरी महिला को चढ़ा दिया गया।
एक हफ्ते बाद जब दूसरी महिला सदर अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंची तब उसे भी ब्लड की जरूरत पड़ी। जिसके बाद ब्लड बैंक से वही ब्लड जो एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति ने डोनेट किया था उसे दूसरी महिला को चढ़ा दिया गया। मामला तब सामने आया जब कुछ दिन बाद एचआईवी पॉजिटिव पहली महिला एड्स की दवा लेने सदर अस्पताल पहुंच गयी। जब डॉक्टर के पर्ची की जांच की गयी तब मामले का खुलासा हुआ।
महिला के पति ने ब्लड बैंक को जो खून डोनेट किया था उसे किसी दूसरी प्रसूता को चढ़ा दिया गया। जबकि पति और महिला दोनों एचआईवी पॉजिटिव हैं। यह बात दोनों ने डॉक्टर से छिपाई थी। इन दोनों की इस गलती की सजा आज प्रसव के लिए आई दूसरी महिला भुगत रही है। इस पूरे मामले पर अस्पताल अधीक्षक ने ब्लड बैंक के टेक्नीशियन से स्पष्टीकरण मांगा है। वही इसकी जांच के लिए सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। सिविल सर्जन ने बताया कि यह लापरवाही का मामला है इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।