सात फेरों के सातों वचन: पत्नी की मौत से आहत पति ने भी तोड़ा दम

सात फेरों के सातों वचन: पत्नी की मौत से आहत पति ने भी तोड़ा दम

SAHARSA: सात फेरों के सातों वचन शादी के समय वर-वधू लेते हैं। फेरों के समय ली जाने वाली साथ जीने मरने की कसमें सही मायने में मिश्रीलाल ने निभाईं। पत्नी के निधन की खबर सुनते ही चंद घंटे बाद उन्होंने भी प्राण त्याग दिए। दोनों पति-पत्नी का एक ही अर्थी पर शव यात्रा निकाली गयी और एक ही चिता पर अंतिम संस्कार भी हुआ। यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। 


सहरसा जिले के बेल्हा गांव में चंद घंटों के भीतर पति-पत्नी का एक साथ निधन हो गया। इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर फैल गयी। ग्रामीणों ने बताया कि देर रात मिश्रीलाल यादव की धर्मपत्नी जनकियां देवी का निधन हो गया। जिसकी खबर सुनते ही बुजुर्ग मिश्रीलाल यादव को रहा नहीं गया और चंद घंटे बाद ही मिश्रीलाल यादव का भी निधन हो गया।


लोगों का कहना है कि इस तरह एक साथ पति पत्नी का निधन बहुत कम ही देखने को मिलता है। वही जानकारों की माने तो सनातन धर्म में विवाह के समय सात फेरो के समय पति अपने पति को सात वचन देते है। जिसमें एक वचन 'जीना मरना एक साथ' भी रहता है। जिसे आज बुजुर्ग दंपत्ति ने सच साबित कर दिखाया है। बुजुर्ग दंपत्ति को उनके पुत्र कैलाश यादव ने मुखाग्नि दी।