SITAMARHI : भले ही क्वारेंटाइन सेंटर में जाने पर मीडिया की रोक लगा दी गयी हो लेकिन सोशल मीडिया के जरिए क्वारेंटाइन सेंटरों की कुव्यवस्था की तस्वीर लगातार सामने आ रही है। सीतामढ़ी के एक सेंटर पर सांप और जहरीले कीड़े निकल रही है। पीने की पानी के हैंडपंप से कीचड़ निकल रहा है।
जिले के नानपुर प्रखंड के बेला का क्वॉरेंटाइन सेंटर में मौजूद प्रवासी मजदूरों को सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर क्वॉरेंटाइन सेंटर के अंदर व्यवस्था के हकीकत की पोल खोल दी है। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों ने वीडियो में अपना दर्द को भी बयां किया है किस प्रकार पूरे परिसर में रात को अंधेरा छाया रहता है और समय-समय पर सांप और जहरीले कीड़े क्वॉरेंटाइन सेंटर में निकलते हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था इतनी बदतर है कि पीने के पानी के जगह हैण्ड पम्प से कीचड़ जैसा पानी निकलता है। ना तो शुद्ध पानी पीने की व्यवस्था है ना सोने की मुकम्मल व्यवस्था और ना ही खाने को गुणवत्तापूर्ण भोजन नानपुर प्रखंड के बेला शांति कुटीर माध्यमिक विद्यालय के क्वॉरेंटाइन सेंटर मे रहे मजदूरों ने खुद ही क्वारेंटाइन सेंटर के अंदर का वीडियो बनाकर हो रही दिक्कतों को बताते हुए दर्द को बयां किया है।
इस वीडियो में मजदूरों ने हो रही समस्या से रूबरू कराया है चापाकल से कीचड़ जैसा पानी निकलता है, शौचालय गंदा है बदबू आती है, रात के अंधेरे में सांप और जहरीले कीड़े निकलते है वही रौशनी की कोई व्यवस्था नही है रात को घुप्प अंधेरा छाया रहता है। मजदूरों का आरोप है कि इतनी गंदगी और कीड़े-मकोड़े के बीच उन लोगों को रख दिया गया है कि उनकी जिंदगी मुश्किल हो गई है।
दूसरे राज्यों से आए तकरीबन एक सौ मजदूर नानपुर के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखे गए हैं। मजदूरों द्वारा सीओ से इसकी कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे तकरीबन आधा दर्जन से अधिक मजदूरों ने अपना वीडियो बनाकर अपने दर्द को बयां किया है। क्वारेंटाइन सेंटर में उनकी जिंदगी कैसे गुजर रही है। वहां टाइम पर खाना भी नही दिया जाता है ना खाने की गुणवत्ता उच्च स्तर की होती है।
हालांकि लगातार प्रशासन द्वारा दावा किया जा रहा है कि लोगों को अच्छा खाना और अच्छी व्यवस्था क्वॉरेंटाइन सेंटर में दी गई है लेकिन जिस तरह की तस्वीरें आयी हैं उसने प्रशासनिक दावों के हकीकत की पोल खोलकर रख दी है। इस पूरे मामले पर क्वॉरेंटाइन सेंटर के इंचार्ज विजय कुमार का कहना है कि यह सभी लोग अपने पंचायत में रहने के लिए प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं इसलिए इस तरह की को व्यवस्था का आरोप लगा रहे हैं इन आरोपों में किसी तरह की सच्चाई नहीं है।