JDU का झंडा ढोने वाले ने अपना भाई खो दिया, रूपेश की हत्या के बाद नीतीश के सुशासन से उठा भरोसा

JDU का झंडा ढोने वाले ने अपना भाई खो दिया, रूपेश की हत्या के बाद नीतीश के सुशासन से उठा भरोसा

PATNA : पटना एयरपोर्ट पर तैनात इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रुपेश सिंह की हत्या के खुलासे के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. रुपेश के परिजनों को पटना पुलिस के दावे झूठे लग रहे हैं. पुलिस के खुलासे पर उनके भाई, उनके पिता, बहन और उनकी पत्नी ने कई सवाल खड़े किए हैं. करीब डेढ़ दशक से जेडीयू का झंडा ढो रहे रुपेश सिंह के भाई नंदेश्वर सिंह ने कहा कि उन्हें पुलिस की कहानी पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है. उन्हें सुशासन से भरोसा उठा गया है.


फर्स्ट बिहार से बातचीत में रुपेश सिंह के भाई नंदेश्वर सिंह ने कहा कि रोड रेज का मामला आये दिन सामने आता रहता है. इस मामूली सी बात को लेकर कोई भी अपराधी इतनी बड़ी हत्याकांड को अंजाम नहीं दे सकता. वो भी इतने दिनों बाद, इस बात भी भरोसा नहीं किया जा सकता है. क्योंकि एक्सीडेंट की घटना 29 नवंबर को हुई थी और रुपेश की हत्या 12 जनवरी को की गई थी. उन्होंने कहा कि ये हैरानी की बात है कि पटना के एसएसपी यह कह रहे हैं कि उस अपराधी ने इस घटना को अंजाम दिया है, जिसने आजतक अपने जीवन में कभी गोली नहीं चलाई. यह विश्वास से परे है.


नंदेश्वर सिंह ने आगे जानकारी दी कि पटना पुलिस के दावे पर परिवार के किसी भी सदस्य को भरोसा नहीं है. जिसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. जो मामूली सा बाइक चोर है. जो कभी जेल नहीं गया है. अपराधी 5 गोली चलाया, 7 गोली चलाया... उसे खुद भी याद नहीं और कह रहा है कि जो एसपी कह रहे हैं, वही सच है.


उन्होंने पुलिस और बिहार के आलाधिकारियों से गुजारिश की तो अगर ऋतू राज ने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया है तो इसके पीछे जो भी बड़ा हाथ है, उसका खुलासा होना चाहिए. क्योंकि रुपेश भी कोई आम आदमी नहीं था. हाईकोर्ट की निगरानी में इस केस की जांच होनी चाहिए. बिहार सरकार सीबीआई से इस केस की निष्पक्ष जांच कराये. 


नंदेश्वर सिंह ने कहा कि वह पिछले 14 साल से सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू का झंडा ढो रहे हैं. नीतीश कुमार बिहार के राजा हैं. वह गद्दी पर बैठे हुए हैं. एक निर्दोष आदमी की हत्या हुई है. उन्हें निष्पक्ष जांच करानी चाहिए. मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि रुपेश की पत्नी को इंसाफ मिलेगा. रुपेश का परिवार डरा सहमा है, जान का भी ख़तरा है. किसी को सिक्योरिटी नहीं मिली है.