PATNA : पटना के बहुचर्चित रूपेश सिंह हत्याकांड पर बिहार के डीजीपी एस के सिंघल की जुबान बंद हो गयी है. डीजीपी साहब आज प्रेस कांफ्रेंस करने बैठे थे. प्रेस कांफ्रेंस का मुद्दा दूसरा था लेकिन पत्रकारों ने रूपेश सिंह हत्याकांड पर सवाल पूछना शुरू कर दिया. डीजीपी साहब बोले-मुझे कुछ नहीं बोलना है.
क्यों बंद हुई डीजीपी की जुबान
सवाल ये है कि रूपेश सिंह हत्याकांड पर अब डीजीपी की जुबान क्यों बंद हो गयी है. आज जब पत्रकारों ने पूछा तो डीजीपी बोले-इस मामले में पटना के एसएसपी ने विस्तार से सारी बातें बता दी हैं. अब वे कुछ नहीं बोलेंगे. जो बोलना था वह पटना के एसएसपी ने बता दिया है. वैसे डीजीपी ने कहा कि पटना पुलिस ने जिस तरीके से मामले का उद्भेदन किया वह अजूबा नहीं है. पुलिस छानबीन में ऐसे मामले आते रहे हैं जैसा पहले कभी नहीं हुआ होता है.
प्रोफेशनल किलर की डीजीपी की थ्योरी क्यों फेल हो गयी
हालांकि डीजीपी जिस तरीके से खामोश हुए हैं उस पर सवाल तो उठेंगे ही. ये वही डीजीपी हैं जिन्होंने रूपेश की हत्या के बाद नये-नये तथ्यों से मीडिया को अवगत कराया था. डीजीपी एसके सिंघल ने कहा था कि रूपेश हत्याकांड को प्रोफेशनल किलर ने अंजाम दिया है. मीडिया ने आज पूछा कि डीजीपी साहब आपके प्रोफेशनल किलर वाली थ्योरी का क्या हुआ. डीजीपी साहब खामोश रह गये. वैसे यही डीजीपी हैं जिन्होंने कहा था कि एयरपोर्ट के पार्किंग के विवाद में रूपेश की हत्या हुई थी. पुलिस जल्द खुलासा करने वाली है. लेकिन वह खुलासा कभी हुआ ही नहीं.
भारी फजीहत के कारण बंद हुई जुबान?
सवाल ये है कि रूपेश सिंह हत्याकांड में जिस तरह बिहार पुलिस की भारी फजीहत हुई है उससे डीजीपी की जुबान बंद हो गयी है. बिहार पुलिस और सत्ताधारी पार्टियों के नेताओं के सिवा कोई ये भरोसा करने को तैयार नहीं है कि रोडरेज के कारण रूपेश की हत्या हुई. खुद रूपेश के परिजनों ने पुलिस की कहानी को सिरे से खारिज कर दिया है.
रूपेश हत्याकांड को लेकर पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा के दावे को परिजनों ने सिरे से खारिज कर दी है. रूपेश के परिजनों के बयान से ये साफ हो गया था कि पटना के एसएसपी गलतबयानी कर रहे हैं. रूपेश की गाड़ी के एक्सीडेंट की जो कहानी पटना पुलिस ने सुनायी उसे रूपेश के परिजन सरासर गलत बता रहे थे. पटना के एसएसपी ने जिस जगह पर एक्सीडेंट होने की बात कही थी वहां एक्सीडेंट हुआ ही नहीं था. जहां एक्सीडेंट हुआ था वहां कोई विवाद ही नहीं हुआ था. फिर वो मर्डर का मकसद यानि मोटिव कैसे बन गया.
रूपेश के परिजन बार बार ये कह रहे हैं कि इस मामले में किसी को बचाने की कोशिश हो रही है. उनके बयानों के बाद नीतीश सरकार और पुलिस की पूरे देश में भद्द पिट रही है. ऐसे में अगर डीजीपी की जुबान बंद हो जाये तो हैरानी नहीं होनी चाहिये.