RTI का जवाब नहीं देना 10 BDO को पड़ा महंगा, जुर्माना लगा सूचना आयोग ने किया तलब; टीचर बहाली से जुड़ा है मामला

RTI का जवाब नहीं देना 10 BDO को पड़ा महंगा, जुर्माना लगा सूचना आयोग ने किया तलब; टीचर बहाली से जुड़ा है मामला

MUZAFFARPUR : बिहार में हाल ही के दिनों में बड़े पैमाने पर टीचरों की बहाली की जा रही है। राज्य के अंदर इसको लेकर लोक सेवा आयोग के तरफ से परीक्षा भी आयोजित करवाया जा रहा है, जिसमें न सिर्फ बिहार बल्कि आस - पड़ोस के राज्यों के अभ्यर्थी भी बड़े पैमाने पर शामिल हो रहे हैं और नौकरी हासिल कर रहे हैं। लेकिन, अब शिक्षक बहाली से ही जुड़ा एक अलग मामला सामने आया है। सूबे में सूचना आयोग ने 10 बीडीओ पर जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं इनलोगों को नोटिस भी भेजा गया है। 


मिली जानकारी के अनुसार, बिहार राज्य सूचना आयोग ने काम में  लापरवाही बरतने वाले प्रदेश के दस बीडीओ पर कार्रवाई की है। इनलोगों से सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सुचना  मांगी गई। लेकिन, ये लोग सूचना उपलब्ध नहीं करवाए। जिसके बाद इन सभी लोगों पर गाज गिरी है। ये सभी बीडीओ मुजफ्फरपुर जिले के हैं। 


दरअसल, बिहार राज्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारी शरण के आदेश पर आयोग ने मुजफ्फरपुर के विभिन्न प्रखंडों में तैनात10 बीडीओ को 24 जनवरी को सदेह हाजिर होने का आदेश दिया है। इन पर 25-25 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला शिक्षक बहाली से जुड़ा है। इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार इन सभी बीडीओ मुजफ्फरपुर के हैं। 


ये सभी जिले के शहरी, मीनापुर, कटरा, गायघाट, बोचहा, बंदरा, मड़वन, साहेबगंज,मोतीपुर और सरैया प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी हैं। आरोप है कि इन पदाधिकारियों ने शिक्षक नियोजन में हुई गड़बड़ी को दबाने का काम किया। पदाधिकारियों से छह साल पहले ही शिक्षक नियोजन से संबंधित जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी थ। लेकिन भ्रष्टाचार छिपाने के लिए इन्होंने कोई  जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता को उपलब्ध नहीं करवायी।


बताया जाता है कि, वैशाली जिले के गोरौल निवासी धनंजय झा ने 2006-07 में शिक्षक नियोजन से संबंधित जानकारी आटीआई के तहत इन पदाकारियों से मांगी थी। उनके द्वारा जिला पंचायतीराज पदाधिकारी की ओर से पृष्ठांकन प्रमाणपत्र वाली सुरक्षामानक से युक्त पंजी की मांग की गयी थी। लेकिन समय पर सूचना नहीं दी गयी तो प्रक्रिया के तहत वादी ने इसकी शिकायत राज्य सूचना आयुक्त कार्यालय में कर दी। इस पर सुनवाई चल रही थी। पिछले दिनों  राज्य सूचना आयुक्त का पद संभालनने के बाद त्रिपुरारी शरण ने इस पर संज्ञान ले लिया। आरोप को सत्य पाते हुए उन्होंने सभी 10 बीडीओं के खिलाफ कार्रवाई कर दी।