PATNA : पुराने दौर की भारतीय जनता पार्टी से लेकर आधुनिक बीजेपी तक का दौर देखने वाले पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने आज एक ऐसा मंच सजाया जिसमें अटल से लेकर मोदी युग तक के बीजेपी चेहरों को साथ-साथ देखा गया। दरअसल पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने आज एक कृषि कार्यक्रम का आयोजन किया था। यह आयोजन नोएडा स्थित आरके सिन्हा के फार्म हाउस में किया गया जिसमें अटल युग और मोदी युग के मंत्री तक ने शिरकत की।
नोएडा स्थित फार्म में मल्टीलेयर फार्मिंग को लेकर पिछले सात दिनों से यह आयोजन चल रहा था। आज यानी मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह भी इस मौके पर पहुंचे। गिरिराज सिंह ने कहा कि किसानों की आय दो गुना ही नहीं, कई गुना बढ सकती है, यदि खेती की लागत मूल्य कम हो और दाम उचित मिले।
गिरिराज सिंह ने कहा कि यह तभी संभव है जब गो-पालन और कृषि को जोडा जाये और गोबर और गौमूत्र पर आधारित खादों और कीटनाशकों का उपयोग हो। ग्रामीण विकास मंत्री नोएडा सेक्टर 167 के पास स्थित दोस्तपुर - मॅंगरौली गॅाव के आद्या ॲार्गैनिक फार्म में सागर, म०प्र० के जैविक कृषि वैज्ञानिक आकाश चौरसिया के सात दिवसीय मल्टीलेयर फार्मिंग के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गिरिराज सिंह ने कहा कि एक ही प्लाट से कई तरह के फसलों के उगाने से किसानों की आमदनी निश्चित रूप से कई गुना बढेगी। लागत भी कम आयेगी और पानी की खपत भी कम हो जायेगी। उन्होने कहा कि पूर्व सांसद आरके सिन्हा का प्रयास सराहनीय है और इससे एक ओर तो किसानों की आय कई गुनी हो जायेगी, वहीं दूसरी ओर जनता को विषमुक्त अन्न और सब्जियां प्राप्त होंगीं।
मल्टीलेयर फार्मिंग के जनक आकाश चौरसिया ने बताया कि मल्टीलेयर कृषि से फसलों की रक्षा अत्यधिक गर्मी और कडकती सर्दी से भी होगी और खर-पतवार और कीट-पतंगों से भी बचाव होगा। सबसे बडी बात यह है कि पांच फसलें एकसाथ होने से किसानों को हर माह कुछ न कुछ आर्थिक लाभ होता ही रहेगा।आद्या आर्गैनिक की प्रबंध निदेशक पल्लवी सिन्हा ने जैविक कृषि में लगे किसानों की समस्या से सभी को अवगत कराया।
सात दिवसीय मल्टीलेयर फार्मिंग के आखिरी सत्र में भारत सरकार के पूर्व मंत्री और वर्तमान में बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण करके उनके मूल्य में वृद्धि की सलाह दी। वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री रामबहादुर राय ने कहा कि किसानों की दशा को सुधारने में ऐसे कार्यक्रमों का बहुत ही ज्यादा महत्व है।