आरजेडी ने लिया बड़ा फैसला, अभय कुशवाहा को बनाया संसदीय दल का नेता

आरजेडी ने लिया बड़ा फैसला, अभय कुशवाहा को बनाया संसदीय दल का नेता

PATNA: पटना में 20 जून से राष्ट्रीय जनता दल की दो दिवसीय संगठनात्मक बैठक हुई। इस बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, तेजस्वी यादव, सभी सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष, चुनाव प्रभारी और राजद के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। 


इस बैठक में आरजेडी ने बड़ा फैसला लिया है। औरंगाबाद से आरजेडी सांसद अभय कुशवाहा को संसदीय दल का नेता चुना गया है। बता दें कि पहले पाटलिपुत्र की सांसद मीसा भारती के नाम को लेकर चर्चा तेज थी। लेकिन राजद की संसदीय समिति ने अंतिम फैसला सुना दिया है। अभय कुशवाहा के नाम पर मुहर लगी है। 


राजद नेता कुमार सर्वजीत ने इस बैठक को सामान्य प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा कि अभय कुशवाहा संसदीय दल के नेता चुने गये हैं। बिहार के तमाम कुशवाहा समाज को मैं बधाई देता हूं कि राष्ट्रीय जनता दल ने एक गरीब कुशवाहा के बेटा को सदन का नेता चुना है। सुरेंद्र प्रसाद यादव को भी बधाई देता हूं जिनको सदन का मुख्य सचेतक चुना गया है। वही फैयाज भाई को राज्यसभा में मुख्य सचेतक चुना गया है।


उन्होंने कहा कि राजद कभी जात की बात नहीं करती हमेशा जमात की बात करती है। राजद सभी जाति धर्मों की पार्टी है। यदि सभी जाति धर्मों की हम बात नहीं करते तो बिहार में एक गरीब के बेटा को संसदीय दल का नेता क्यों चुनते? हमारे दल में किसी एक जाति विशेष का कब्जा नहीं है। जेडीयू में किसी एक जाति विशेष का कब्जा है। हमारे यहां सब लोग राष्ट्रीय जनता दल के मालिक हैं। सब लोग मिलकर यहां काम करते हैं। दलित भाईयों को चलने का रास्ता लालू जी ने सिखाया। दलितों को ब्लॉक और थाने में बैठने का अधिकार लालू जी ने दिया था। दलितों के तमाम बड़े नेता मंत्री बनने के लिए अपने आप को गिरबी रख लेते हैं। अपने क्षणिक सुख के लिए दलितों के अधिकार को भूल जाते हैं। 


कुमार सर्वजीत ने आगे कहा कि कहा कि राजद ने हमेशा से गरीब गुरबा की बात किया है। गरीबों को न्याय कैसे मिले और नौजवानों को न्याय कैसे मिले इस पर मंथन हुआ। तेजस्वी यादव युवाओं को नौकरी देने की बात लगातार करते रहे हैं। उन्होंने देश के एक चश्मा पहनाया। कहा कि हर हाल में युवाओं को नौकरी देना होगा। आज पूरे राज्य और देश के लिए मजबुरी हो गयी है। पूरे देश के लोग चाहे वो किसी भी दल के नेता हो वो आज युवाओं को नौकरी देने की बात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के लिए भी यह मजबुरी हो गयी है अब युवाओं को नौकरी देना होगा। भाजपा और जेडीयू के लोग कहते हैं कि हम यादव,मुसलमान और कुशवाहा की मदद नहीं करेंगे। लोकतंत्र में इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।