PATNA: जी.कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार का सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। बीजेपी के साथ साथ आईएएस एसोसिएशन और खुद जी. कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़ा किया है। जिस वक्त यह घटना हुई, उस समय लालू प्रसाद बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। बिहार में आनंद मोहन की रिहाई को लेकर छिड़े संग्राम के बीच शुक्रवार को जब लालू दिल्ली से पटना पहुंचे तो बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने अपने तीखे सवालों के जरिए लालू को घेरने की कोशिश की।
दरअसल, बिहार में पिछले कुछ दिनों से पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। इसी संग्राम के बीच शुक्रवार को लालू प्रसाद की एंट्री हो गई। लालू के दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर घेरा है। सुशील मोदी ने पूछा है कि जब लालू खुद सीएम थे तब उन्होंने आनंद मोहन की मदद क्यों नहीं की थी।
सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि महागठबंधन की सरकार चुनावी लाभ लेने के लिए कानून को कमजोर कर दुर्दांत अपराधियों को रिहा कर रही है। इस फैसले से सरकार ने लाखों सरकारी कर्मचारियों का जीवन खतरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि 2005 तक राजद की सरकार थी, तब क्यों नहीं आनंद मोहन को निर्दोष बताने की कोशिश की गई, इसका जवाब तो लालू प्रसाद ही दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज चुनावी लाभ के लिए लाखों सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा को ताक पर रख कर राजद-जदयू की सरकार दुर्दांत अपराधियों को रिहा कर रही है।