PATNA : केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार पटना पहुंचे आरसीपी सिंह आज नए तेवर में नजर आए. उनका अंदाज बदला बदला था. आरसीपी सिंह जो कल तक केवल नीतीश कुमार के स्टैंड के ऊपर ही बयान देते थे. आज जातीय जनगणना के मसले पर मीडिया को जलेबी की तरह घुमा गए. जेडीयू कार्यालय पहुंचने पर मीडिया से बातचीत के दौरान आरसीपी सिंह ने जातीय जनगणना के सवाल पर सीधा जवाब नहीं दिया. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि यह पार्टी की मांग है. लेकिन बिहार से लेकर केंद्र में जो सरकारें हैं. वह समावेशी विकास के जरिए उस मकसद को हासिल कर रही हैं.
आरसीपी सिंह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अब आरक्षण कोई मुद्दा नहीं रहा. देश में 70 और 80 के दशक में आरक्षण की जिस तरह बात होती थी. अब वह दौर खत्म हो चुका है. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर जो लोग सवाल और राजनीति कर रहे हैं, उन्हें सात निश्चय का मॉडल अच्छे से समझना चाहिए.
मीडिया ने आरसीपी सिंह से कई बार जातीय जनगणना को लेकर सवाल पूछा. लेकिन हर बार आरसीपी सिंह केवल यही कह गए कि आप नीतीश कुमार के सात निश्चय के मॉडल को देख लीजिए. आरसीपी सिंह जातीय जनगणना के मसले पर कुछ बोलना नहीं चाहते थे. उन्होंने जातीय जनगणना की मांग पर पार्टी के स्टैंड को नहीं बुलाया और ना ही नीतीश कुमार के ही उस बात का समर्थन किया, जो मुख्यमंत्री ने आज भी रखी है.
आरसीपी सिंह से जब भी जातीय जनगणना को लेकर सवाल हुआ. उन्होंने बातों को घुमा फिरा कर नीतीश कुमार के सात निश्चय मॉडल तक पहुंचा दिया. आरसीपी सिंह ने कहा कि आज समाज के हर तबके को विकास की धारा मिल रही है. केंद्र की मोदी सरकार हो या फिर बिहार की नीतीश सरकार दोनों सरकारें समावेशी विकास के मॉडल पर आगे बढ़ रही हैं. ऐसे में आरक्षण का मुद्दा भी खत्म हो गया है. आरसीपी सिंह के कहने का मतलब यह था कि बगैर जातीय जनगणना के भी विकास तक के समाज के हर तबके की पहुंच है. आरसीपी सिंह ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति के लिए जनगणना आज भी होती है इसका मकसद सभी जानते हैं.
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार के पत्र का जवाब और मिलने का वक्त क्यों नहीं दे रहे. आरसीपी सिंह नीतीश कुमार की बजाय प्रधानमंत्री मोदी की तरफदारी करते नजर आए. आरसीपी सिंह ने याद दिलाया कि विशेष दर्जे के मसले पर पहले नीतीश कुमार ने जब पत्र लिखा था. उस वक्त पीएम रहते मनमोहन सिंह ने भी मिलने का वक्त नहीं दिया था. आरसीपी सिंह आज जिस अंदाज में पार्टी दफ्तर में बोल रहे थे. उससे लग रहा था कि वह जेडीयू से ज्यादा इस वक्त बीजेपी के प्रति वफादारी निभा रहे हैं.
आरसीपी सिंह ने आगे कहा कि जेडीयू के कार्यकर्ता जमीन पर काम करते हैं. पिछले 11 सालों में संगठन के भीतर जैसे हमने काम किया, हमारी पार्टी बूथ स्तर तक पहुंच गई है. जो भी कार्यकर्ता आज आये हैं, उन्हें लगता है कि वे भी मंत्री बन गए हैं. कार्यकर्ता काफी उत्साह में हैं. मेरी पार्टी में सिर्फ नीतीश जी ही नेता हैं. एक बात समझिये कि आज केंद्र में भी एनडीए की सरकार है और बिहार में भी एनडीए की सरकार है. दोनों जगह एनडीए की सरकार होने के कारण बिहार को इसका फायदा मिलेगा. बिहार एक विकसित प्रदेश बनेगा. दोनों जगह हमारी सरकारें हैं. इसलिए बिहार विकसित होगा.