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1st Bihar Published by: Updated Sat, 06 Aug 2022 03:40:13 PM IST
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PATNA: JDU में छिड़े घमासान के बीच पार्टी के नेताओं ने एक दूसरे की ही पोल खोलनी शुरू कर दी है। RCP सिंह को निपटाने में लगे जेडीयू ने उन्हें नोटिस भेजा है। नोटिस में आरसीपी सिंह पर 9 साल में 40 बीघा जमीन खरीदने का आरोप लगाया है। अब आरसीपी सिंह कैंप ने जवाबी हमला बोला है। जेडीयू शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने नीतीश कुमार से सीधा सवाल पूछा है-आरसीपी बाबू पर भ्रष्टाचार का किसी ने कोई आरोप नहीं लगा है लेकिन करोड़ों रूपये लेकर टिकट बेचने के आरोपी उपेंद्र कुशवाहा किस नदी में नहाकर स्वच्छ हो गये हैं. क्या उपेंद्र कुशवाहा को इसलिए जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है कि वे पैसा वसूली कर और अवैध संपत्ति अर्जित कर सकें।
उपेंद्र कुशवाहा पर लगे थे गंभीर आरोप
कन्हैया सिंह ने कहा है कि तीन साल पहले 2019 में उपेंद्र कुशवाहा के सबसे करीबी माने जाने वाले व्यक्ति ने सबूत के साथ उनकी घूसखोरी की पोल खोली थी. उपेंद्र कुशवाहा उस वक्त राष्ट्रीय लोक समता पार्टी चलाते थे. 2019 में मीडिया के सामने प्रेस कांफ्रेंस कर रालोसपा के महासचिव प्रदीप मिश्रा ने उपेंद्र कुशवाहा के पैसा वसूली की पोल खोली थी. प्रदीप मिश्रा ने मीडिया को बताया था कि कुशवाहा ने उन्हें मोतिहारी संसदीय सीट से टिकट देने का भरोसा दिलाकर पैसे वसूले थे. प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि टिकट देने का आश्वासन देकर उपेंद्र कुशवाहा ने उनसे 90 लाख रुपये लिए थे, लेकिन बाद में इस सीट को ज्यादा पैसों में बेच दिया।
आरसीपी सिंह के करीबी माने जाने वाले नेता कन्हैया सिंह ने कहा कि 2019 में प्रदीप मिश्रा नाम के शख्स ने उपेंद्र कुशवाहा की पैसा वसूली का पूरा सबूत दिया था. मिश्रा ने कागजातों के साथ ये बताया था कि चुनावी टिकट के लिए उन्होंने 45-45 लाख के दो चेक दो किस्तों में उपेंद्र कुशवाहा के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नई दिल्ली स्थित पार्लियामेंट शाखा के खाते में जमा करवाए थे।
कन्हैया सिंह ने कहा कि प्रदीप मिश्रा ने बकायदा सबूत दिया था कि उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा और उनके परिवार को कई दफे विदेश यात्रा कराया. घूमने, रहने-खाने से लेकर शॉपिंग तक का बिल दिया. उपेंद्र कुशवाहा टिकट देने के लिए इस तरह की सारी वसूली कर रहे थे।
क्या जेडीयू में भी वसूली करने के लिए लाये गये हैं
जेडीयू शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने कहा है कि टिकट के लिए पैसा वसूली जैसे गंभीर आरोपों में फंसे उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू में लाकर संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है. संसदीय बोर्ड का मूल काम चुनाव में टिकट देना होता है. क्या कुशवाहा को इसलिए जेडीयू के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है कि वे पैसा वसूली कर सकें और संपत्ति अर्जित कर सकें. या फिर जेडीयू में आने से पहले उन्होंने गंगा नहा लिया है जिससे उनके सारे पाप धुल गये हैं।
कन्हैया सिंह ने कहा कि आज तक किसी व्यक्ति ने ये आरोप नहीं लगाया है कि आरसीपी सिंह ने उससे किसी तरह का कोई पैसा या किसी दूसरे किस्म की कोई अवैध उगाही की है. आरसीपी सिंह खुद आईएएस रहे हैं. उनकी पुत्री आईपीएस हैं. परिवार में दो आईएएस और एक आईपीएस है. पूरे परिवार की छवि बिल्कुल बेदाग रही है. उन पर ऐसे लोग आरोप लगा रहे हैं जिनके कारनामे जगजाहिर हैं. आरसीपी सिंह तीन दशक तक नीतीश कुमार के साथ रहे. चाहे नीतीश कुमार केंद्र में मंत्री रहें हों या फिर बिहार के मुख्यमंत्री. ये तो नीतीश जी को बताना चाहिये कि क्या उनके प्रधान सचिव रहते आरसीपी सिंह भ्रष्टाचार कर रहे थे. अगर वकाई वे भ्रष्ट थे तो इसकी भनक नीतीश जी को कैसे नहीं लगी. आरसीपी सिंह तो साया की तरह नीतीश कुमार के साथ रहे हैं।
बता दें कि जेडीयू ने आरसीपी सिंह पर अवैध संपत्ति अर्जित जारी करने का आरोप लगाते हुए उनसे जवाब मांगा है. आरसीपी सिंह को पिछले साल से ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की कवायद की जा रही थी. आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर नोटिस जारी करना उन्हें पार्टी से बाहर करने का फाइनल स्टेप माना जा रहा है।