DELHI: देश में बीजेपी के खिलाफ तमाम विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुहिम रंग लाने लगी है. मई में देश के 19 विपक्षी पार्टियों की संयुक्ति बैठक हो सकती है. सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस की ओऱ से बैठक बुलायी जायेगी और इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गयी है.
कर्नाटक चुनाव के बाद बैठक
कांग्रेसी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक बीजेपी के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए 19 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद होगी. हालांकि पहले अप्रैल के अंत में ही ये बैठक बुलाने का प्लानिंग थी. लेकिन 10 मई को कर्नाटक विधानसभा के चुनाव होने हैं. उसमें कांग्रेस समेत कई और दल व्यस्त हैं. लिहाजा बैठक को आगे टाल दिया गया है.
कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक बैठक बुलाने की पहल कांग्रेस की ओर से ही होगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस संबंध में कई पार्टियों के नेताओं से बात कर ली है. सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. इसके बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे भी अखिलेश यादव और ममता बनर्जी से बातचीत करेंगे. तमाम पार्टियों से बातचीत के बाद मल्लिकाजुर्न खरगे 10 मई को कर्नाटक चुनाव संपन्न होने के बाद कभी भी विपक्षी पार्टियों की साझा बैठक बुला सकते हैं.
रंग लायेगी नीतीश की मुहिम
बता दे कि विपक्षी एकता की नयी सिरे से शुरूआत इसी महीने से हुई थी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और खरगे से नई दिल्ली में मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने दावा किया था कि ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एक साथ आने को तैयार हैं.
नीतीश कुमार ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अध्यक्ष ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. नीतीश कह रहे हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा विपक्षी दलों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. वैसे ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार को बिहार में विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाने को कहा था. लेकिन कांग्रेस दिल्ली में ये बैठक बुलायेगी. वहीं, सोमवार को लखनऊ में अखिलेश से मुलाकात के बाद नीतीश ने भाजपा पर जमकर हमला किया था. उन्होंने कहा था कि मौजूदा केंद्र सरकार कोई काम नहीं कर रही है और केवल प्रचार-प्रसार के कार्य में लगी है. नीतीश ने ये भी कहा था कि उन्हें अपने लिए कोई पद नहीं चाहिये. मेरा प्रयास देश की भलाई के लिए है.