तेजस्वी की पसंद पूर्वे चौथी बार बनेंगे आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष, 25 नवंबर को करेंगे नामांकन

तेजस्वी की पसंद पूर्वे चौथी बार बनेंगे आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष, 25 नवंबर को करेंगे नामांकन

PATNA : रामचंद्र पूर्वे चौथी बार आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष बनेंगे।  रामचंद्र पूर्वे के नाम पर पार्टी के बड़े नेताओं ने मुहर लगा दी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की पसंद पूर्वे आगामी 25 नवंबर को प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। 27 नवंबर को उनके निर्वाचन की घोषणा होगी। 


आरजेडी में संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। 27 नवंबर तक प्रदेश स्तर का चुनाव करा लिया जाना है। संगठन चुनाव के पहले प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कई नामों की चर्चा चल रही थी। रामचंद्र पूर्वे के अलावे प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मंत्री आलोक मेहता और शिवचंद्र राम के नाम की चर्चा चल रही थी लेकिन तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से रामचंद्र पूर्वे के ऊपर ही भरोसा जताया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की माने तो तेजस्वी यादव ने पिछले दिनों अपने पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात में पूर्वे के नाम पर अप्रूवल ले लिया है। लालू भी चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूर्व के पास ही प्रदेश की कमान रहे। 



रामचंद्र पूर्वे शुरू से ही लालू परिवार के विश्वसनीय रहे हैं। पूर्वे 2010 से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। 2010 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें अब्दुल बारी सिद्दीकी की जगह पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। 2010 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सिद्दीकी विधानसभा में विधायक दल के नेता बनाए गए थे उसके बाद पूर्वे को यह जिम्मेदारी मिली थी। रामचंद्र पूर्वे लगातार 9 साल से पार्टी की प्रदेश इकाई को उसी तरह चलाते रहे हैं जैसा लालू और फिर अब तेजस्वी चाहते हैं। आरजेडी की अंदरूनी सियासत को समझने वाले यह मानते हैं कि पूर्वे के विश्वसनीयता के आगे आलोक मेहता और शिवचंद्र राम जैसे नेता नहीं टिक पाए लिहाजा अब एक बार फिर से रामचंद्र पूर्वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव रामचंद्र पूर्वे का खुलकर विरोध करते रहे हैं। उन्होंने कई बार मीडिया के सामने पूर्व में के ऊपर मनमानी का आरोप लगाया है लेकिन इस सबके बावजूद पूर्वे तेजस्वी की पसंद हैं। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जब तमाम बड़े नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल खड़े किए तब भी तेजस्वी ढाल बनकर रामचंद्र पूर्वे के सामने खड़े हो गए थे।