PATNA : भाई-बहन के पवित्र प्रेम के पर्व रक्षाबंधन को अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। आने वाले 11 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षा का वचन लेती हैं। जानकारों की मानें तो इस बार के रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा। ज्योतिष बताते हैं कि भद्रा काल में बहनों को भूलकर भी भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधना चाहिए।
जानकारों के मुताबिक इस साल रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा के साये में मनाया जाएगा। 11 अगस्त को शाम 5.17 मिनट पर भद्रा पुंछ शुरू हो जाएगा जो 6.18 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम 6.18 मिनट से भाद्रा मुख शुरू होकर रात 8 बजे तक रहेगा। पूरी तरह से रात 8.51 मिनट पर भद्राकाल समाप्त हो जाएगा। इस दौरान रक्षाबंधन शुभ फलदायी नहीं होगा।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक लंकापति रावण की बहन शुर्पनखा ने भद्राकाल में अपनी भाई की कलाई पर राखी बांधी थी। जिसके बाद एक साल के भीतर ही रावण के साम्राज्य का विनाश हो गया था। शनिदेव की बहन भद्रा को श्राप मिला था कि जो कोई भी भद्राकाल में मांगलिक कार्य करेगा, उसका परिणाम अशुभ होगा। ऐसे में भद्राकाल के दौरान बहनें भाई को राखी न बांधें। 11 जुलाई को सुबह 11.37 मिनट से 12.29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त जबकि दोपहर 02.14 से 03.07 तक विजय मुहूर्त रहेगा। इस दौरान बहनें अगर भाई की कलाई पर राखी बांधेंगी तो वह शुभ फलदायी होगा।