राहुल गांधी को लालू यादव का समर्थन, कहा - RTI कर जवाब मांगे कांग्रेस नेता, बिना पद के BJP वाले कर रहे ऐश

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Apr 2023 12:16:32 PM IST

राहुल गांधी को लालू यादव का समर्थन, कहा - RTI कर जवाब मांगे कांग्रेस नेता, बिना पद के BJP वाले कर रहे ऐश

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DELHI : कांग्रेस के सस्पेंडेड सांसद राहुल गांधी ने बीते शाम अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। उन्होंने 12, तुगलक लेन बंगले की चाबी अधिकारियों को सौंप दी है।राहुल यहांबीते 19 साल से इस घर में रह रहे थे। बंगला खाली करने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि मैंने 'सच बोलने की कीमत चुकाई' हैं' उन्होंने बंगला खाली करने के बाद कहा कि- हिन्दुस्तान की जनता ने उन्हें यह घर दिया था जहां वो 19 साल से रह रहे थे। वहीं, अब राहुल गांधी के बंगला खाली करने वाले प्रकरण में राजद सुप्रीमों लालू यादव की भी एंट्री हुई है।  उन्होंने कहा कि- राहुल गांधी को इसको लेकर आरटीआई करना चाहिए और जवाब मांगना चाहिए। 


राजद सुप्रीमों लालू यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, - कल कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने 12 तुगलक लेन वाली घर खाली कर चाबी सौंप दी। अब राहुल गाँधी जी को व कांग्रेस के अन्य नेताओ को सबसे पहले लोकसभा सचिवालय व निर्माण भवन में RTI लगाना चाहिए कि कितने भाजपाई नेता बीना पद के लुटियंस बंगला में रहे है? और फिर सरकार से पूछना चाहिए व जनता को घूम घूमकर बताना चाहिए कि ये किस हैसियत से रह रहे है? हालांकि यह ट्वीट लालू यादव के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से नहीं किया गया है बल्कि एक पैरोडी अकाउंट के तरफ से किया गया है। 


मालूम हो कि,सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया तो वह संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा। इसी नियम के तहत राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हुई। जिसके बाद उन्होंने अपने सरकारी बंगले को खाली कर दिया और चाबी लोकसभा के अधिकारी के हाथों में सौंपकर तुगलक रोड से 10 जनपथ स्थित मां के घर रहने के लिए चले गये।


इधर, बंगला को छोड़ने के बाद राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत की। राहुल गांधी ने कहा कि 2004 में अमेठी से सांसद बनने के बाद 2005 में यह बंगला उन्हें मिला था। देश की जनता के आशीर्वाद से 19 साल तक इस घर में रहा। इसके लिए देश की जनता को धन्यवाद देना हूं। राहुल गांधी आगे कहते हैं कि उन्हें सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ी है। वे अब भी सच ही बोलेंगे। सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए वे तैयार हैं।