Census 2026-27: दो चरणों में होगी देश की जनगणना, पहली बार जातीय आंकड़े भी होंगे शामिल! Parliament Monsoon Session2025: 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा संसद का मॉनसून सत्र, विपक्ष की विशेष सत्र की मांग पर सरकार ने दिया जवाब Vande Bharat Patna Bhopal: बिहार की जनता को मिलने वाली है एक और वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात! Bihar Teacher: शिक्षा सुधार की दिशा में नीतीश सरकार का बड़ा कदम, 6.5 लाख शिक्षकों को अब सीधा लाभ राजकुमार हत्याकांड:डॉक्टर और पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी का कोर्ट ने दिया आदेश, 16 जून तक हर हाल में पेश करने को कहा Bihar news: डॉक्टर की पिटाई का मामला: तेजस्वी बोले– “बिहार में हालात तालिबान से भी बदतर” मुजफ्फरपुर रेप कांड: जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल Bihar Crime News: रिटायर्ड शिक्षक और पूर्व पंचायत समिति सदस्य की गोली मारकर हत्या, छापेमारी जारी Bihar Crime News: छात्र का शव बरामद होने से मचा हड़कंप, परिजनों का गंभीर आरोप Bihar Education News: अब JDU दफ्तर में मुश्किल में फंसे शिक्षा मंत्री, इधर-उधर भागना पड़ा ! पुलिस बुलाकर सुरक्षित बाहर निकाला गया, वजह क्या थी जानें...
1st Bihar Published by: Updated Wed, 30 Oct 2019 08:58:25 AM IST
- फ़ोटो
RANCHI : झारखंड की रघुवर सरकार भले ही राज्य में चौतरफा विकास करने का दावा कर ले लेकिन स्कूलों में चलने वाली मिड डे मील योजना ने रघुवर राज की हकीकत मिला दी है। झारखंड के सरकारी स्कूलों में जात पात की जकड़न ऐसी है कि 15 फ़ीसदी बच्चे इसके कारण स्कूल में मिड डे मील नहीं खाते।
यह हकीकत राज्य सरकार की तरफ से ही कराए गए सोशल ऑडिट में सामने आई है। झारखंड के 12 सौ से ज्यादा प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में यह सोशल ऑडिट कराया गया था जिसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक 15 फ़ीसदी स्कूली बच्चे मिड डे मील इसलिए नहीं खाते क्योंकि वह अन्य जातियों के बच्चों साथ एक कतार में बैठकर भोजन करने से परहेज करते हैं। हैरत की बात यह है कि जात पात की जकड़न को खत्म करने के लिए झारखंड के शिक्षा विभाग और उसके अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की।
सोशल ऑडिट रिपोर्ट से यह बात साबित हो गई है कि जातीय बंधन ने सरकार की इस सबसे बड़ी योजना की झारखंड में हवा निकाल दी है। सरकार की इस रिपोर्ट में स्कूलों के अंदर कई तरह की अन्य खामियों को भी उजागर किया गया है। जाहिर है रघुवर सरकार अपनी ही इस रिपोर्ट को लेकर विधानसभा चुनाव में घिरी हुई नजर आएगी।