PATNA : ब्रिटिश कैबिनेट से बर्खास्त होने के बाद मुकेश सहनी अब केवल बिहार विधान परिषद के सदस्य रह गए. हालांकि उनका कार्यकाल बहुत लंबा नहीं बचा है. मुकेश सहनी को अब ट्रेजरी बेंच में जगह नहीं मिलेगी. यानी वह अब मंत्रियों वाली कतार में सदन के अंदर नहीं बैठेंगे. मुकेश सहनी को विधान परिषद सचिवालय की तरफ से सदन में उनका सीट अलॉट कर दिया गया है.
मुकेश सहनी विधान परिषद में सबसे अंतिम कतार में बैठेंगे. हालांकि वह सत्ता पक्ष के दायरे में ही आएंगे. उन्हें सीट नंबर 82 दिया गया है. हालांकि सोमवार को मुकेश सहनी विधान परिषद नहीं पहुंचे थे लेकिन अगर बजट सत्र के अंतिम 3 दिनों में मुकेश साहनी सदन में आते हैं तो उन्हें इसी सीट पर बैठना होगा.
मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद अब मुकेश सहनी विधानसभा में नहीं जा पाएंगे. विधानसभा में मंत्री रहते वह कार्यवाही में शामिल होते थे. मुकेश सहनी की बर्खास्तगी के बाद उनका विभाग भी शिफ्ट कर दिया गया है. अब डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार देखेंगे. 27 मार्च के प्रभाव से ही यह बदलाव किया गया है. कैबिनेट सचिवालय ने सोमवार को जब मुकेश सहनी की बर्खास्तगी वाली अधिसूचना जारी की तो उसके तुरंत बाद विभाग के कामकाज को लेकर भी एक आदेश जारी कर दिया गया था.
इस बीच में मुकेश सहनी के पास अब केवल संघर्ष का रास्ता ही बचा है. मुकेश सहनी ने बोचहां उपचुनाव में पूरा फोकस कर रखा. उनकी पार्टी ने रमई राम की बेटी गीता देवी को टिकट दिया है. सहनी चाहते हैं कि किसी तरह उपचुनाव में जीत हासिल कर उनकी पार्टी विधानसभा में एक बार फिर से अपना खाता खोल दे. मुकेश सहनी को अच्छे से मालूम है कि यह जीत उनके लिए कितना मायने रखती है. विधानसभा में उनके तीन विधायकों को बीजेपी पहले ही अपने साथ विलय करवा चुकी है. इसके बाद वीआईपी का खाता विधानसभा में बंद हो चुका है. विधान परिषद में भी अकेले केवल मुकेश सहनी ही सदस्य हैं.