PATNA : बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंगल इन दिनों लगातार सुर्ख़ियों में बने हुए हैं। इस बार सुर्ख़ियों में आने की वजह उनकी कोई पुलिसिया कामकाज नहीं बल्कि उनका काम करने का तरीका बना हुआ है। सूबे के पूर्व डीजीपी पर कई तरह के गंभीर आरोप लग रहे हैं। इनके नाम को अब सिपाही भर्ती परीक्षा लिक मामले से भी जोड़ा जा रहा है तो कहा यह भी जा रहा है कि इन्होंने विभागीय काम में मोटी रकम वसूली है। यह बात हम नहीं बल्कि उनके ही विभाग के एक सहकर्मी कह रहे हैं।
दरअसल, बिहार पुलिस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने सूबे के पूर्व डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि एसके सिंघल ने अपने डीजीपी रहते हुए कौन-कौन से काम किए हैं इसका जिक्र अभी भी विभाग में काफी होता है। सिंघल पूरी तरह से भ्रष्टचार में लिप्त अधिकारी है। इनके ऊपर जांच होनी चाहिए और जांच पूरी होने के बाद एक्शन लिया जाना चाहिए।
इसके आगे मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व डीजीपी एसके सिंघल डीजीपी पद पर रहते हुए पुलिसकर्मियों के विभागीय करवाई से विभाग से संबंधित ज़िला / रेंज से अनेकों फ़ाईल अपने पास मंगवाकर से आरोपी से खुद डील करते थे। यह डील कभी पुलिस मुख्यालय में होती थी और कभी डेरा पर या वह नहीं रहे तो उनकी पत्नी भी करती थी। उसके बाद उल्टा-पुल्टा साक्ष्य के आधार का आदेश निर्गत किया जाता था। इसलिए उनके कार्यकाल की सभी फाइलें की पुनः समीक्षा होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। यदि आरोप साक्ष्य के आधार पर सिद्ध है या होता है तो सख़्त करवाई होनी चाहिए।
आपको बताते चलें कि, पूर्व डीजीपी का नाम सिपाही परीक्षा पेपर लीक मामले से जुड़ रहा है। ऐसी चर्चा है कि प्रश्नपत्र लीक मामले में पूर्व DGP ने मोटी रकम ली है। यह पैसा प्रिंटिंग प्रेस मालिक से कमीशन के रूप में लिया गया। इओयु की ओर से कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में इसका जिक्र है। कमीशन की रकम करीब 10 % बताया जा रहा है।