पूर्व डीजीपी के नाम पर 5 लाख की ठगी, गुप्तेश्वर पांडेय का करीबी बता वैभव मिश्रा ने दिया बिहार पुलिस में नौकरी का झांसा

पूर्व डीजीपी के नाम पर 5 लाख की ठगी, गुप्तेश्वर पांडेय का करीबी बता वैभव मिश्रा ने दिया बिहार पुलिस में नौकरी का झांसा

MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर जिले में एक बार फिर अजीबो-गरीब मामला सामने आया जहां बिहार के तत्कालीन DGP गुप्तेश्वर पांडेय के आवास पर ले जाकर पहले घुमाया और फिर बिहार पुलिस में ड्राइवर की नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख रुपये ऐंठ लिये। ठगी करने वाला खुद को साहब का करीबी बताया करता था। डीजीपी आवास पर उसका आना जाना रहता था। पीड़ित ने यह सब देख 5 लाख रुपये वैभव मिश्रा को दे दिये। लेकिन ना तो नौकरी लगी और ना ही वापस पैसे मिले। जब पैसे की मांग की तो दोस्तों के साथ मिलकर जानलेवा हमला कर दिया। अब पीड़ित पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहा है। 


मामला मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र का है जहां जिले के कुढ़नी के रामपुर बलरा गांव निवासी रणवीर कुमार ने जिले के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के राहुल नगर के रहने वाले वैभव मिश्रा और उनके साथियों के खिलाफ अहियापुर थाने में मामला दर्ज कराया है। 


पीड़ित रणवीर ने यह आरोप लगाया है कि वर्ष 2020 में तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से अच्छे संबंध का हवाला देकर वैभव मिश्रा उनके आवास पर ले गया था। डीजीपी आवास से लौटने के बाद वह यह कहा था कि बिहार पुलिस में नौकरी करोंगे। ड्राइवर का बहाली निकला हुआ है। बिहार पुलिस में ड्राइवर बनना है तो 5 लाख रूपये खर्च करो सरकारी नौकरी हो जाएगा। जिन्दगीभर का दुख दर्द सब मिट जाएगा।  


वैभव मिश्रा ने तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से अच्छे संबंध होने का दावा किया था। डीजीपी के आवास पर उसकी अच्छी पकड़ थी सब लोग उसे जानते थे। इसी बात को रणवीर भी जान गया था और इसी कारण उसने पांच लाख रुपये वैभव मिश्रा को दे दिये और नौकरी लगने के इंतजार में बैठा रहा। कई दिन और महीने गुजर गये लेकिन उसे बिहार पुलिस में नौकरी नहीं लगी।


खुद को ठगा समझ वह वैभव मिश्रा से अपने पैसे की मांग करने लगा। लेकिन वह आज कल करने लगा। एक दिन पता चला कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के हट गये हैं जिसके बाद वह फिर वैभव मिश्रा से पैसे मांगने गया। तब उसे 3 अप्रैल को शाम चार बजे अहियापुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ में वैभव मिश्रा ने कॉल करके बुलाया कहा कि आकर अपना पैसा ले जाओ। 


जब पैसा लेने वह अपने भाई के साथ पहुंचा तो अपने साथियों के साथ पहले से घात लगाए बैठे वैभव मिश्रा ने हथियार के साथ उसकी पिटाई करने लगा। जान से मारने की कोशिश की। दुर्गेश तिवारी नामक युवक खुद को कुख्यात अपराधी मुकेश पाठक का भाई बता रहा था और हत्या की धमकी दे रहा था। 


उस वक्त वहां जितने लोग थे वे वैभव मिश्रा का साथी था। सभी जेल से छूटकर आए थे। जानलेवा हमला करने के बाद सभी फरार है अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। पीड़ित रणवीर ने वैभव मिश्रा पर ठगी और जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की है। थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस इस पूरे मामले की छानबीन में जुट गयी है।