MOTIHARI: अपने जन सुराज अभियान के तहत पिछले 65 दिनों से बिहार के गांव-गांव की पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने कहा कि वे बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव की बातों को सीरियसली नहीं लेते. प्रशांत किशोर ने कहा-तेजस्वी यादव 10 लाख नौकरी की बात करते हैं, उन्हें तो ये भी पता नहीं होगा कि नौकरी देने की प्रक्रिया क्या होती है. उसके लिए बजट से लेकर दूसरे किन चीजों की जरूरत है. रही बात नीतीश कुमार की तो वे भरी दोपहरी में लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं. नीतीश 10 लाख नौकरी देने की बात कर रहे हैं जबकि हकीकत ये है कि केंद्र सरकार अगर पैसा देना बंद कर दे तो बिहार में शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पायेगा.
तेजस्वी का नोटिस नहीं लेता
प्रशांत किशोर ने आज पूर्वी चंपारण के चिरैया प्रखंड में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे तेजस्वी यादव की बातों को गंभीरता से नहीं लेते. तेजस्वी यादव को कोई समझ नहीं है. उन्हें किसी सलाहकार ने लिख कर दे दिया होगा कि 10 लाख नौकरी देंगे तो उसी को दोहरा रहे हैं. बाकी उन्हें नौकरी देने से लेकर उसके लिए पैसे का इंतजाम करने के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी. 2020 में उन्होंने कह दिया कि बिहार के सारे नियोजित शिक्षकों को नियमित वेतन दे देंगे. हालत ये है कि पहले से नियुक्ति शिक्षकों को मानदेय देने में 6 महीने लग रहे हैं. तेजस्वी कहते थे कि शिक्षकों के सारे खाली पद भर देंगे. अब रोज टीईटी पास लड़के-लड़कियां आंदोलन कर रही हैं और सरकार उन्हें पिटवा रही है.
राजद अगर विकास की बात करे तो सबसे बड़ा मजाक
प्रशांत किशोर ने कहा कि राजद औऱ उसके नेता का विकास की बात करना सबसे बड़ा मजाक है. जिस पार्टी ने 15 साल बिहार में राज कर इस राज्य को रसातल में पहुंचा दिया औऱ गर्त में मिला दिया वह विकास की बात कर रही है. तब तो देश की हर पॉलिटिकल पार्टी कह सकती है कि हमने विकास किया. चूंकि किसी तरह से जनता को ठगना है इसलिए राजद जैसी पार्टी भी विकास की बात कर रही है. जबकि उसने 15 साल राज कर बिहार को इस गर्त में पहुंचा दिया है कि उससे निकलना सबसे मुश्किल काम हो गया है.
भरी दोपहरी में आंखों में धूल झोंक रहे नीतीश
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों को 2020 के विधानसभा चुनाव की बातें याद होंगी. जब तेजस्वी यादव ने कहा था कि 10 लाख नौकरी देंगे तो नीतीश कुमार अपनी हर सभा में मजाक उड़ाते थे. नीतीश कहते थे कि 10 लाख नौकरी की बात करने वाला सबसे बड़ा अज्ञानी है. कहां से पैसा लायेगा, उसे कुछ पता नहीं. अब वही नीतीश कुमार कह रहे हैं कि हम 10 लाख नौकरी देंगे. इसका मतलब साफ है कि भरी दोपहरी में नीतीश कुमार लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं.
4 महीने में कितनी नौकरी दी
प्रशांत किशोर ने कहा कि एक साल में 10 लाख नौकरी देने का वादा किये हुए 4 महीने हो गये. इस दौरान कितनी नौकरी दी गयी. लोग कह रहे हैं कि 10 हजार पुलिसकर्मियों को नौकरी दी गयी. कैसे और कब नौकरी दी गयी ये सबको पता है. फिर भी अगर ये मान लिया जाये कि नीतीश कुमार की नयी सरकार ने 10 हजार नौकरी दी तो बाकी के 8 महीने में 9 लाख 90 हजार नौकरी मिल जायेगी न. प्रशांत किशोर ने कहा कि वे पहले ही एलान कर चुके हैं कि अगर नीतीश कुमार ने 10 लाख नौकरी दे दी तो वे अपना सारा अभियान छोड कर उनका ही प्रचार करने लगेंगे.
केंद्र पैसा न दे तो शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा
प्रशांत किशोर ने कहा कि जो लोग 10 लाख नौकरी देने की बात कर रहे हैं उनकी हालत ये है कि अगर केंद्र सरकार से पैसा नहीं मिले तो शिक्षकों को वेतन नहीं दे पायेंगे. अभी शिक्षकों को कितने महीने पर वेतन मिल रहा है ये जगजाहिर है. ये सरकार नौकरी देने के बजाय नौकरी छीन रही है. सवा लाख सांख्यिकी सहायकों को हटा दिया. कृषि सलाहकारों से पूछ लीजिये कि कितने महीने पर उन्हें मानदेय मिलता है. पंचायत सचिवों का हाल पता कर लीजिये. ये सरकार सिर्फ बातें कर सकती है क्योंकि उसे लगता है वह जनता को मूर्ख बना सकती है.