PATNA : बिहार में अपने राजनीतिक वजूद को खड़ा करने के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जो प्लान दिया और जिस तरह नीतीश कुमार और लालू यादव को उन्होंने एक साथ खड़ा कर दिया, उसपर पहली बार सीएम नीतीश की प्रतिक्रिया सामने आई है। प्रशांत किशोर ने कहा था कि बिहार में 30 साल तक शासन करने के बावजूद 2 बड़े नेताओं ने राज्य की समस्या को खत्म नहीं किया। इस बाबत आज जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो उनका जवाब घुमाकर आया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कौन क्या कहता है, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। नीतीश से कहा कि मैं किसी के कहने और बोलने को महत्व नहीं देता हूं। मुझे पता है मैंने बिहार के लिए क्या काम किया है। नीतीश ने मीडिया से ही यह कह दिया कि बिहार में जो काम किया गया है इसके बारे में प्रशांत किशोर को बता दीजिए। सीएम नीतीश ने कहा कि मैं किसी की तरफ से कोई बात कहे जाने पर ना तो प्रतिक्रिया देता हूं और ना ही किसी के कहने पर बहुत ज्यादा महत्व।
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के साथ व्यक्तिगत रिश्तो का हवाला दिया था उन्होंने यह भी कहा था कि नीतीश कुमार उनके पिता तुल्य हैं लेकिन साथ ही साथ पीके नीतीश सरकार की कार्यशैली पर निशाना साधना नहीं भूले थे। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक के शासनकाल में बिहार के अंदर आधारभूत विकास की संरचना विकसित नहीं की गई। राज्य में आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में बदहाली है और केंद्र सरकार के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में पिछड़ेपन की स्थिति क्या है। पीके की तरफ से यह आरोप लगाए जाने पर आज से सवाल हुआ था लेकिन नीतीश कुमार ने पीके के बयान को ज्यादा तरजीह देने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता तय करती है कि राज्य में विकास का काम हुआ है या नहीं।