PATNA : देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है. देश में कोरोना वायरस के कारण पहले मरीज की मौत हुई है. कर्नाटक के कलबुर्गी में एक बुजुर्ग की मौत कोरोना वायरस वायरस के कारण हो गई है. दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश में भी कोरोना को महामारी घोषित किया जा चुका है. बिहार सरकार भी लगातार इसपर नजर बनाये हुए है. कोरोना के डर के कारण ही पटना पीएमसीएच में सभी डॉक्टरों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं.
बिहार में किसी भी तरह के बड़े आयोजनों पर भी रोक लगा दी गई है. किसी भी तरह के कल्चरल प्रोग्राम और स्पोर्ट्स इवेंट पर भी पूरी तरह से 31 मार्च तक रोक लगाई गई है. सरकार ने सभी सरकारी विभागों के साथ-साथ राजधानी पटना के चिड़ियाघर को भी 31 मार्च तक बंद रखने का फैसला किया है. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को भी सरकार ने बंद रखने का फैसला किया है. नीतीश सरकार इस विकल्प पर भी विचार कर रही है कि कार्यालयों में सरकारी कर्मियों को रोटेशन के तौर पर बुलाया जाये. सरकार का मकसद है कि सरकारी कार्यालयों में भी एक साथ बहुत ज्यादा कर्मी ना रहें.
बिहार में कोरोना वायरस को सबसे ज्यादा खतरा नेपाल से सटे सीमावर्ती जिलों में फैलने का है. इसे लेकर 4 निदेशक प्रमुख हो को निगरानी का जिम्मा दिया गया है. कोरोना को लेकर राज्य सरकार ने पहले से ही विशेष सतर्कता बरती है, लेकिन बावजूद इसके आशंका के मुताबिक अब को रोना ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. दिल्ली में पहले ही बड़े कदम सरकार उठा चुकी है और अब बिहार में भी कई बड़े कदम कोरोना से बचाव को लेकर उठाए जा रहे हैं.
कोरोना वायरस के कारण बिहार में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है. राज्य में अब तक 12 संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई है जिनको निगरानी में रखा गया है. पावापुरी स्थित वर्द्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान में करोना के तीन संदिग्ध मरीज भर्ती कराए गए हैं, जबकि मुंगेर के जमालपुर में भी एक संदिग्ध की पहचान की गई है, जिसे भागलपुर रेफर कर दिया गया है. समस्तीपुर में 3 लोगों को सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है जबकि वैशाली के महुआ में भी एक संदिग्ध की पहचान होने के बाद उसे आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया है. बिहार में एक ऐसे जापानी नागरिक की भी पहचान की गई है , जो दिल्ली से पूरी जा रहा था रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद गया जंक्शन पर उसे ट्रेन से उतारा गया और मगध मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
बिहार में कोरोना वायरस को सबसे ज्यादा खतरा नेपाल से सटे सीमावर्ती जिलों में फैलने का है. इसे लेकर 4 निदेशक प्रमुख हो को निगरानी का जिम्मा दिया गया है। कोरोना को लेकर राज्य सरकार ने पहले से ही विशेष सतर्कता बरती है, लेकिन बावजूद इसके आशंका के मुताबिक अब को रोना ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. दिल्ली में पहले ही बड़े कदम सरकार उठा चुकी है और अब बिहार में भी कई बड़े कदम कोरोना से बचाव को लेकर उठाए जा सकते हैं.