पीएम मोदी ने सीएम नीतीश से की बातचीत, कोरोना और बाढ़ की हालात का लिया जायजा

पीएम मोदी ने सीएम नीतीश से की बातचीत, कोरोना और बाढ़ की हालात का लिया जायजा

PATNA :  बिहार में इनदिनों कोरोना के साथ-साथ भी बारिश का भी कहर है. राज्य के 8 जिले बाढ़ग्रसत हो चुके हैं. बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण के हालात को देखते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की है. उन्होंने बिहार में कोरोना और बाढ़ के हालात का जायजा लिया है.


वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच बातचीत हुई है. प्रधानमंत्री ने राज्य के प्रति चिंता एवं लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की और हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया. सीएम नीतीश के अलावा उन्होंने असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की और राज्य के हालाता का जायजा लिया. बिहार में भारी बारिश का कहर है. रविवार को राज्य के सात जिलों में बिजली गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई. लोगों की मौत पर सीएम नीतीश कुमार ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह ऱाशि का एलान किया.



आपको बता दें कि बिहार के आठ जिले बाढ़ग्रसत हो चुके हैं. इन जिलों में तक़रीबन 30 से ज्यादा प्रखंडों के लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं. गांवों में पानी भरा है. लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बिहार आपदा विभाग के अनुसार बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिलों में देखने को मिल रहा है.


बिहार में गंगा को छोड़कर बिहार की तमाम नदियां उफान पर हैं. बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार , बागमती नदी सीतामढ़ी के कटौंझा तथा मुजफ्फरपुर के बेनीबाद और दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि कमला बलान झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इधर, महानंदा पूर्णिया के ढेंगराघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. कोसी के जलस्तर में मामूली कमी देखी जा रही है. कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास शनिवार सुबह 1.49 लाख क्यूसेक था, जो घटकर 1.47 लाख क्यूसेक हो गया.


गंडक नदी का जलस्तर बाल्मीकिनगर बैराज के पास सुबह आठ बजे 1.52 लाख क्यूसेक था. जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि अधिकांश नदियां खतरे के निशान से ऊपर गई थी, किंतु अब इसकी प्रवृत्ति घटने की है. उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन के लोग अलर्ट हैं. जहां-जहां दिक्कतें हुई हैं, वहां अधिकारी पहुंच रहे हैं.