GODDA : गोड्डा शहर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने अपने पति और बेटे को घर में 7 दिनों से कैद कर रखा था। महिला मानसिक तौर पर बीमार है और उसने अपने बेटे के साथ-साथ पति को पिछले 7 दिनों से घर में कैद कर रखा था। जब घर का दरवाजा एक हफ्ते तक नहीं खुला तो पड़ोसियों को कुछ अनहोनी की आशंका हुई। पड़ोसियों ने सबसे पहले दरवाजा खुलवाने की कोशिश की लेकिन जब सफलता नहीं मिली तो पुलिस को इसके बारे में सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तब पड़ोसियों ने साहस कर घर के अंदर एंट्री ली तो सारी कहानी देखकर दंग रह गए।
दरअसल गोड्डा के राजेंद्र नगर मोहल्ले में सुबोध प्रसाद का परिवार रहता है। सुबोध की पत्नी एक साइको पेशेंट है। यही वजह है कि उसने अपने पति और बेटे को घर में कैद कर रखा था। पति सुबोध प्रसाद और उसके बेटे को पत्नी ने एक कमरे में बंद कर रखा था और खुद दूसरे कमरे में कैद थी। पड़ोसियों की पहल पर कैद मुक्त कराए गए सुबोध प्रसाद का कहना है कि उनकी पत्नी गेट नहीं खोल ने देती। जब भी आवाज देने का प्रयास करते तो पत्नी मुंह पर हाथ दबा कर चुप करा देती थी। पत्नी बार-बार यह कहती थी कि बाहर मत जाओ, बाहर सब लोग मर चुके हैं।
मानसिक तौर पर बीमार पत्नी यह भी कह रही थी कि बाहर हर जगह जहर डाला हुआ है। जो भी खाना घर पर लाया जा रहा है उसमें जहर मिला हुआ है। महिला के पति ने कहा कि वह अपनी पत्नी से इस कदर परेशान है कि उसने थोड़े दिन पहले भागलपुर में एक डॉक्टर से उसका इलाज भी करवाया था। नवरात्रि के दौरान पत्नी की बीमारी पड़ गई और वह अपने साथ सभी को भूखा रहने के लिए कहने लगी। सभी लोग घर से बाहर निकलना चाहते थे लेकिन पत्नी ने दरवाजा बंद कर दिया। आखिरकार पड़ोसियों की पहल और पुलिस की मौजूदगी से बाप-बेटे कैद मुक्त हुए हैं और साइको पत्नी के इलाज के लिए अब आगे की पहल की जा रही है।