पटना : कुख्यात लुल्हा को जमानत मिलने का मामला, लापरवाही करने वाले आईओ को शो कॉज

पटना : कुख्यात लुल्हा को जमानत मिलने का मामला, लापरवाही करने वाले आईओ को शो कॉज

PATNA : पटना पुलिस ने कुख्यात रवि गोप के मामले से कोई सबक नहीं ली नतीजा अब सामने है. पटना पुलिस की लापरवाही के कारण कुख्यात लुल्हा को भी जमानत मिल गई. दरअसल, कदमकुआं थाना के सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने 90 दिन के अंदर कोर्ट चार्जशीट दाखिल नहीं किया था, इसलिए लुल्हा को कोर्ट ने बेल दे दी. मामले को सिटी एसपी मध्य अंबरीश राहुल ने गंभीरता से लिया है. सिटी एसपी ने कहा कि अगर ऐसा है तो यह मामला गंभीर है. संबंधित आईओ से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी. 


दरअसल, फायरिंग मामले में केस के आईओ सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार की लापरवाही के कारण लुल्हा को जमानत मिल गई. आईओ ने समय पर चार्जशीट दायर नहीं की. अब इस मामले में पीड़ितों की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि केस के आईओ संतोष कुमार ने कुख्यात के साथ सांठगांठ की.


पीड़ित पक्ष ने कदमकुआं थाने के सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार पर हत्या की कोशिश के आरोपियों से साठगांठ का आरोप लगाया है. जिस घटना में दो युवकों को गोली लगी थी उसके आरोपी को कोर्ट से जमानत मिल गई. आरोपी राकेश कुमार उर्फ लुल्हा बेउर जेल से छूट गया. 


जानकारी हो कि मामूली विवाद में 21 जुलाई को कांग्रेस मैदान के मछली गली में गोलीबारी हुई थी जिसमें पत्रकार नगर के शुभम पाठक और गौरीचक के निशांत राणावत को गोली लगी थी. मामला यह है कि मछली गली में नीरज सिंह ने कोई मकान खरीदा था. उस मकान में पहले से संजय सिंह दुकान चलाते थे. उनमें विवाद होने पर संजय सिंह की तरफ से शुभम, निशांत और कई लड़के नीरज सिंह से मिलने गए थे और यह कह रहे थे कि आप संजय सिंह से माफी मांग लें. इसी बीच लुल्हा और नीरज ने गोली चला दी जो शुभम और निशांत को लग गई. 


शुभम पाठक के बयान पर नीरज सिंह और राकेश कुमार उर्फ लुल्हा पर केस दर्ज किया गया था. 26 जुलाई की लुल्हा ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. केस के आईओ को 26 अक्टूबर तक कोर्ट में जेल में बंद लुल्हा के खिलाफ चार्जशीट जमा करना था. आईओ ने कोर्ट में चार्जशीट जमा नहीं की और उसे जमानत मिल गई. 


हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रभात भारद्वाज ने कहा कि यह संबंधित आईओ की लापरवाही है या उन्होंने जान बूझकर ऐसा किया होगा. ऐसे मामलों में पुलिस को 90 दिन के भीतर कोर्ट में चार्जशीट जमा करना होता है. इधर थानेदार बिमलेंद ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि कोर्ट में चार्जशीट जमा हुआ है या नहीं. इधर पीड़ितों ने कहा कि पुलिस ने जान बूझकर मामले में लापरवाही बरती है. पुलिस आरोपित से मिली हुई है.