PATNA : पटना में एक और बिल्डर पर गाज गिरी है. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बिल्डर की 2 करोड़ 62 लाख 20 हजार 610 रुपए की अचल संपत्ति अस्थायी तौर पर जब्त कर ली है. ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लौंड्रिंग एक्ट के तहत यह कार्रवाई की है.
दरअसल, पाटलिपुत्र बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार उर्फ अनिल कुमार सिंह की 2 करोड़ 62 लाख 20 हजार 610 रुपए की अचल संपत्ति अस्थायी तौर पर जब्त कर ली है. यह संपत्ति पाटलिपुत्र बिल्डर्स लिमिटेड के नाम पर खरीदी गई थी. ईडी ने प्रीवेंशन ऑफ मनी लौंड्रिंग एक्ट के तहत यह कार्रवाई की है. ईडी ने पिछले महीने जांच में सहयोग नहीं करने के कारण अनिल को गिरफ्तार भी किया था.
ईडी के अनुसार, अनिल की रांची के लोअर बाजार स्थित दो जमीन जब्त की गई है. इनमें एक प्लॉट 26.44 डिसमिल और दूसरा 13.64 डिसमिल का है. कुल 40.08 डिसमिल प्लॉट, जिसकी कीमत 26220610 रुपए है, जब्त की गई है. ईडी ने पटना के कोतवाली और आलमगंज थाना में दर्ज मामलों के आधार पर अनिल के खिलाफ पीएमएलए के तहत जांच शुरू की थी. जांच के दौरान यह बात सामने आई कि पाटलिपुत्र बिल्डर्स लिमिटेड और अन्य कंपनियों के एमडी अनिल कुमार ने घर खरीदने वाले कई लोगों से किए गए वादे को पूरा नहीं किया. उनके साथ चीटिंग, फ्रॉड, बेईमानी की और लोगों का पैसा हड़प लिया.
अनिल कुमार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसार उन्होंने द न्यूजपेपर्स एंड पब्लिकेशंस लिमिटेड के कर्मचारियों को दिया जाने वाला 5.82 करोड़ रुपए का भी गबन कर लिया और उसका इस्तेमाल अपनी कंपनी पाटलिपुत्र बिल्डर्स के नाम पर पर संपत्ति खरीदने में की.
ईडी के अनुसार जांच के दौरान अनिल कुमार का रवैया पूरी तरह असहयोगात्मक रहा और ईडी द्वारा जारी समन को भी वे नजरंदाज करते रहे. उनके इस रवैये से अनिल कुमार की गलत मंशा भी जाहिर हुई. इसके बाद ईडी ने 7 सितंबर को अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद पीएमएलए की अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. ईडी के अनुसार अनिल कुमार ने संपत्ति को खरीदने के लिए कैश को कई लेयर में इस्तेमाल किया. इसके अलावा कई बैंकिंग चैनल का भी इस्तेमाल किया गया ताकि कालेधन के मूल स्रोत को छिपाया जा सके.