पटना में डीएसपी से थाने के अंदर बदसलूकी करने वाले पूर्व वार्ड पार्षद का केस आईओ ने ही मैनेज कर लिया, जमानत मिली तो एसएसपी ने किया सस्पेंड

पटना में डीएसपी से थाने के अंदर बदसलूकी करने वाले पूर्व वार्ड पार्षद का केस आईओ ने ही मैनेज कर लिया, जमानत मिली तो एसएसपी ने किया सस्पेंड

PATNA : बिहार में सुशासन के वाली पुलिस का हाल क्या है, इसकी बानगी डीएसपी के साथ बदसलूकी के मामले में पूर्व वार्ड पार्षद और आरजेडी नेता के बेटे को जमानत मिलने के साथ देखने को मिली है. मामला पटना से जुड़ा हुआ है. पटना के पीरबहोर थाने में घुसकर टाउन डीएसपी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी करने के मामले में जेल भेजे गए पूर्व वार्ड पार्षद अशरफ अहमद को आखिरकार कोर्ट से जमानत मिल गई है. इस मामले में पुलिस के तरफ से जो बड़ा खेल सामने आया है. इसके बाद एसएसपी मानव जीत सिंह ढिल्लों ने केस के आयु प्रमोद कुमार को सस्पेंड कर दिया है.




दरअसल, इस मामले के आयु प्रमोद कुमार ने केस डायरी में आरोपी पूर्व वार्ड पार्षद अशरफ अहमद के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं दिखाया जिसकी वजह से कोर्ट से उसे जमानत मिल गई. आरोपी के वकील के मुताबिक पुलिस कोई ठोस और वैज्ञानिक सबूत उपलब्ध नहीं करा सकी है और अशरफ अहमद के ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. दोनों पक्षों की तरफ से दलील और केस डायरी को देखने के बाद कोर्ट ने आरोपी पूर्व वार्ड पार्षद को जमानत दे दी. इसके साथ ही यह साफ हो गया कि आयोग प्रमोद कुमार ने आरोपी के साथ मिलकर किस तरह मामले को मैनेज करने का प्रयास किया. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पटना एसएसपी ने एसआई प्रमोद कुमार को तत्काल सस्पेंड कर दिया है.




हैरानी की बात तो ये है कि पीरबहोर थाने में हाईक्वालिटी का सीसीटीवी कैमरा लगा है. कैमरे में पूरी घटना का वीडियो और ऑडियो भी कैद है. साक्ष्य के तौर पर केस डायरी में आईओ ने इसका भी जिक्र नहीं किया है. टाउन डीएसपी अशोक कुमार ने जांच में लापरवाही बरती जाने की बात कही है.