PATNA : होली के मौके पर बाहर से आने वाले लोगों की तादाद और कोरोना की दूसरी लहर ने राजधानी पटना में अचानक से संक्रमण की रफ्तार बढ़ा दी है। मंगलवार को पटना में 50 नए कोरोना के मरीज मिले हैं। इसमें एनएमसीएच के 2 डॉक्टर भी शामिल हैं। पटना में अब कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 300 पहुंच गई है। पिछले 20 दिनों में संक्रमितों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। 2 मार्च को पटना जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 143 थी।
बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में मंगलवार को 9 कोरोना संक्रमित मिले। इनमें सात पटना के और एक-एक मुंगेर और जहानाबाद के हैं। पटना के जिन इलाकों से नए मरीज मिले हैं उनमें कंकड़बाग, कदमकुंआ, राजेंद्र नगर और बोरिंग रोड का इलाका शामिल है। एनएमसीएच में शिशु रोग विभाग की एक महिला प्राध्यापक और एमडी का एक छात्र कोरोना संक्रमित पाया गया है इसके बाद शिशु रोग विभाग में हड़कंप की स्थिति रही। एनएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि डॉक्टर होम क्वारन्टीन में चले गए हैं जबकि छात्र को इलाज के लिए भर्ती किया गया है। खास बात यह है कि इन दोनों डॉक्टरों ने वैक्सीन की दोनों डोज ली थी। इन डॉक्टरों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद नीकु और पीकू में भर्ती नवजात और बच्चों को पीएमसीएच, एम्स और आईजीआईएमएस में रेफर किया जा रहा है। शिशु रोग विभाग में लगभग 50 बच्चे भर्ती थे।
मंगलवार को राज्य भर में कोरोना के 111 नए केस मिले हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि टीका लेकर आने वालों में भी कोरोना के लक्षण मिले हैं। राज्य में होली के मौके पर दूसरे प्रदेशों से लौटने वाले यात्रियों की कोरोना जांच के साथ-साथ कोरोना वैक्सीन देने का अभियान भी चलाया जा रहा है। अब स्वास्थ्य विभाग टीका लेने आने वाले लोगों लक्षण मिलने के बाद रेंडम जांच कर कोरोना की जानकारी ले रहा है। मंगलवार को राज्य में 98191 लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी गई। इनमें 89951 लोगों को पहला डोज और 8240 लोगों को टीका का दूसरा डोज दिया गया है।